MP: अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष पर CM मोहन यादव ने सुनाया किस्सा, बोले– इस दुनिया से भगवान ही बचाए

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर CM मोहन ने सुनाया किस्सा, बोले- सहकारिता की दुनिया से भगवान ही बचाए, अगर किसी अच्छे-खासे व्यक्ति को बर्बाद करना हो, तो उसे सहकारिता समिति में बैठाकर जांच लगा दो। भगवान ही जाने कि वह कैसे बचेगा। सहकारिता के अधिकारियों के अलावा कोई नहीं जानता कि इससे कैसे निकला जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल के समन्वय भवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सहकारी संस्थाओं के कृषक सदस्यों के लिए माइक्रो एटीएम का शुभारंभ किया, जिससे किसानों को डिजिटल लेनदेन में अधिक सुविधा मिलेगी।
सहकारिता के अंदर की दुनिया से भगवान ही बचाए , मैं तो वर्षों सहकारिता से जुड़ा भी रहा और दूर भी रहा, अगर अच्छे खासे आदमी की 12 बजाना हो तो सहकारी समिति में भेजकर उसकी जाँच बैठा दो , भगवान ही जाने वो कैसे बहार आएगा , अगर किसी को निकालना है तो वो सहकारिता के अधिकारी ही जानते है।
इस दौरान सीएम डॉ मोहन यादव ने बताया कि, “बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” की कल्पना संपूर्ण समाज के कल्याण और सामूहिक समृद्धि के लिए की गई है। यह विचार सहकारिता के मूल सिद्धांतों से जुड़ा हुआ है, जहां सामूहिक प्रयास, समानता और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जाती है, सहकारिता के अनेक आयाम हैं। सहकारिता का मतलब है – सामूहिक विश्वास, समानता और साझा तरक्की का संकल्प।
मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि व्यवस्थित समाज के निर्माण में सहकारिता का बहुत महत्त्व है , सहकारिता के माध्यम से रोजगार और व्यवस्था के लिए अनेक प्रयास हुए। वही सीएम मोहन ने लैंड पुलिंग एक्ट को लेकर कहा हम किसानों के साथ हे,हमारी सरकार किसानों पर आधारित है,में खुद किसान पुत्र हु, हम हर हालत में राज्य का विकास भी चाहेंगे,ओर किसानों की जिंदगी बेहतर से बेहतर हो उनको बराबरी से लाना चाहेंगे।
कुल मिलाकर सम्मेलन में सहकारी संस्थाओं के कंप्यूटरीकरण और पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया गया। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की सभी प्राथमिक सहकारी समितियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों और सदस्यों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।