MP: भोपाल-इंदौर बने मेट्रोपॉलिटिन सिटी, मोहन कैबिनेट में विधेयक को मंजूरी

मध्यप्रदेश की मोहन कैबिनेट ने मंगलवार को विधानसभा भवन में हुई बैठक में राज्य के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई. सबसे अहम फैसला भोपाल और इंदौरको मेट्रोपॉलिटिन सिटी के रूप में विकसित करने को लेकर लिया गया. इसके पहले चरण में दोनों शहरों को शामिल किया गया है.
मोहन सरकार ने बड़ी पहल करते हुए 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को मेट्रोपॉलिटन रीजन का दर्जा देने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। विधानसभा में मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 पास हो गया है। वही विधानसभा में हुई कैबिनेट बैठक में भी प्रस्ताव को मंजूरी मिली गई। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए बताया कि, भोपाल और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों को नए शहरी ढांचे के तहत विकसित किया जाएगा। इन शहरों के लिए मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। विधेयक के अनुसार मुख्यमंत्री मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे। एमआरडीए में 3 उपाध्यक्ष मंत्री होंगे, जिनमें नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व मंत्री शामिल रहेंगे। मुख्य सचिव के साथ 7 विभागों के एसीएस या प्रमुख सचिव उस बॉडी का हिस्सा होंगे।
मेट्रोपॉलिटिन क्षेत्र की गवर्नेंस के लिए एक अलग ऑथोरिटी बनाई जाएगी. इस योजना में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को आगे चलकर शामिल किया जाएगा. भोपालके साथ विदिशा, सीहोर, रायसेन और राजगढ़ का कुछ हिस्सा भी मेट्रोपॉलिटिन एरिया में जोड़ा जाएगा. वहीं इंदौर के साथ देवास, महू, पीथमपुर और शाजापुर का क्षेत्र आ सकता है. इस योजना के लिए फिलहाल 200 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है.
इसके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य अथॉरिटी में होंगे। यह अथॉरिटी मेट्रोपोलिटन एरिया का प्लान तैयार करने के साथ इसके क्रियान्वयन में अहम भूमिका अदा करेगी। ऐसे ही मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी में एक अध्यक्ष और तीन उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा कमेटी में एक सदस्य-सचिव सहित उतने सदस्य होंगे, जितने राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएं। कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल होंगे।