MP को नए साल में मिल सकता है नया मंत्रिमंडल, इन नामों पर लग सकती है मुहर

नए साल की दस्तक के साथ ही मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि साल 2026 की अगवानी में प्रदेश को नया मंत्रिमंडल मिल सकता है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल जल्द संभव है। 14 जनवरी तक कई नामों पर अंतिम मुहर लग सकती है।
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार अब परफॉर्मेंस मोड में नजर आ रही है। सूत्र बताते हैं कि बीते एक साल की कार्यप्रणाली, विभागीय रिव्यू रिपोर्ट और जमीनी परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्रियों का मूल्यांकन किया गया है। सरकार का फोकस साफ है — जो मंत्री परफॉर्म करेगा, वही टीम में रहेगा। जो अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा, उसकी कुर्सी खतरे में मानी जा रही है।
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल का फॉर्मूला या तो गुजरात मॉडल की तर्ज पर लागू किया जा सकता है या फिर दिल्ली आलाकमान के तय पैमानों के आधार पर बदलाव होंगे। गुजरात मॉडल में जहां— परफॉर्मेंस, प्रशासनिक दक्षता और निर्णय क्षमता को प्राथमिकता दी गई है, वहीं दिल्ली आलाकमान का पैमाना— संगठनात्मक संतुलन, क्षेत्रीय समीकरण और जातीय संतुलन पर आधारित माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों से जुड़े फीडबैक, विभागीय लक्ष्यों की प्रगति रिपोर्ट और जमीनी प्रभाव का पूरा डाटा मंगवाया है। बताया जा रहा है कि नए साल की शुरुआत में कुछ चेहरों की छुट्टी और कुछ नए चेहरों की एंट्री संभव है।
कुल मिलाकर नए साल की अगवानी के साथ मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। 14 जनवरी तक तस्वीर साफ होने के कयास हैं। अब देखना होगा कि, मोहन मंत्रिमंडल में बदलाव गुजरात मॉडल पर होता हैं या फिर दिल्ली आलाकमान की कसौटी पर।



