Chattarpur कांड में धर्म और सियासत, बुलडोजर की कार्रवाई पर बागेश्वर सरकार की एंट्री

छतरपुर कांड में बागेश्वर सरकार की एंट्री हो गई है। बागेश्वर सरकार के बयान पर सियासत भी उबाल मरने लगी है। पंडित धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री ने बयान दिया कि गलत करोगे तो छत से घर जुड़ा हो ही जाएगा। जिसे लेकर अब पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने बागेश्वर सरकार को नसीहत दी है।
छतरपुर पुलिस थाने में पथराव के आरोपी के घर पर बुलडोजर कार्रवाई पर सियासत जारी है। मामले में बीजेपी कांग्रेस के अलावा बागेश्वरधाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की भी एंट्री हो गई है। बागेश्वर सरकार ने शासन की कार्रवाई को उचित बताते हुए कहा था कि गलत करोगे तो छत से घर जुदा हो ही जाएगा। वहीं धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर कांग्रेस ने संविधान के बहाने सियासी हमला बोलते हुए नसीहत दी है।
मामले में कांग्रेस पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि, देश में अंबेडकर का संविधान चलेगा। धर्म के अंदर किस बात को क्या करना चाहिए और किस तरह के भाव को लाना चाहिए इसे समझें। संविधान पर रोज हमले किए जा रहे है। तालिबान की तरह नफरत के साथ नहीं चलेगा। धर्माचार्य का काम होना चाहिए कि कैसे धर्म के उसे प्रेम के भाव को बताएं। शास्त्री जी भगवान हनुमान जी को आराध्य मानते हैं, हनुमान जी के उस भाव को समझने का काम करें।
वहीं छतरपुर की घटना को लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह घर को तोडा गया और गाड़ियों को कुचला गया वो संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस नेताओं को बुलडोजर संस्कृति के खिलाफ खड़े होना चाहिए।
कुल मिलाकर छतरपुर की घटना को लेकर लगातार सियासत गर्माते जा रही है। कांग्रेस लगातार मोहन सरकार की कार्रवाई पर भेदभाव के आरोप लगा रही है।