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MP: 62 में से 32 जिलों में ही बनाए जा सके BJP अध्यक्ष, क्यों, जानिए  

मध्यप्रदेश में इस बार भाजपा को जिला अध्यक्षों का ऐलान करने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, बड़े दिग्गज नेताओं की खींचतान से अब तक महज 32 जिला अध्यक्षों का ही ऐलान हो सका है।

भाजपा के संगठन चुनाव इस बार पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। जैसे-तैसे मंडल अध्यक्षों का चुनाव कराने के बाद अब पार्टी जिलाध्यक्षों के नाम तय कर पाने मे बीजेपी नेताओं को पसीने छूट रहे हैं। जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा पांच जनवरी तक की जानी थी, लेकिन दस दिन बाद भी सभी जिलों में अध्यक्ष तय नहीं हो पाए हैं। अब तक 62 संगठनात्मक जिलों में से 32 में ही अध्यक्ष बनाए जा सके हैं। दिल्ली में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश द्वारा कमान संभालने के बाद भी जिलों में आम सहमति नहीं बन पा रही है। अब पार्टी एकमुश्त सूची जारी करने के बजाय अलग-अलग जिलों में चुनाव अधिकारियों को भेजकर अध्यक्षों की घोषणा कर रही है, ताकि कार्यकर्ताओं के विरोध को थामा जा सके।

इस देरी के कई कारण हैं। अंचल के बड़े नेता अपने हिसाब से जमावट करवाना चाहते हैं। कई जिलाध्यक्षों को लेकर बड़े नेताओं का दबाव इस कदर था कि गाइडलाइन को भी ताक पर रखना पड़ा है। भाजपा की तैयारी है कि कुछ और जिलों के अध्यक्ष घोषित कर प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाए। प्रदेश के कई बड़े जिले में अपने-अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के लिए नेताओं ने काफी प्रयास किए। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के बीच जोर आजमाइश चली। इधर, सागर में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बीच भी शक्ति प्रदर्शन चला। भूपेंद्र सिंह मौजूदा अध्यक्ष गौरव सिरोठिया को हटवाकर पूर्व सांसद राजबहादूर सिंह को अध्यक्ष बनवाना चाहते थे। वहीं, गोविंद सिंह सिरोठिया को ही रिपीट करवाने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहे थे, लेकिन लॉटरी किसी और कि निकली।

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