एमपी-citiesएमपी-ब्रेकिंगमेरा-देशराजधानी-रिपोर्टविशेष

पिता के स्वर्गवास के बाद CM की कर्त्तव्यपरायणता!, अंतिम संस्कार के बाद संभाली सरकार

CM डॉ. मोहन यादव को प्रदेश की जनता की चिंता कितनी है, इसका अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि पिता के अंतिम संस्कार के कुछ देर बाद ही मोहन यादव ने अपने उज्जैन निवास से काम शुरू कर दिया और झाबुआ, ग्वालियर और धार की घटनाओं की जानकारी लेते हुए कलेक्टरों को उचित दिशा निर्देश जारी किए।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिता के अंतिम संस्कार के कुछ देर बाद ही अपने उज्जैन स्थित निवास से कामकाज शुरू कर दिया। उन्होंने झाबुआ, ग्वालियर और धार कलेक्टर से फोन पर बात की। उन्होंने तीनों स्थानों पर हाल ही में हुई घटनाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कलेक्टरों से ऐसे इंतजाम करने को कहा जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों। उन्होंने धार में बच्चों का जीवन बचाने वाले समाजसेवियों को सम्मानित करने की बात भी कही है।

धार में तेज बारिश के दौरान आदिवासी छात्रावास में पानी भर गया था। 42 बच्चों के डूबने का खतरा पैदा हो गया था। इस दौरान वहां सिर्फ दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। हॉस्टल से करीब 100 मीटर दूरी पर रहने वाले राजू शर्मा को आवाजें सुनाईं दीं। वे अपने बेटे बंटी शर्मा के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने इन बच्चों को बचाया। मुख्यमंत्री ने धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा से पूरी घटना की जानकारी ली और कहा कि राज्य सरकार बच्चों का जीवन बचाने वाले समाजसेवियों को सम्मानित करेगी।

झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना से उन्होंने दो बच्चियों के बह जाने की घटना की जानकारी ली। और निर्देश दिए कि बच्चियों के परिवार को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान से उन्होंने एक दिन पहले ट्रामा सेंटर में लगी आग के बारे में जानकारी ली।  मुख्यमंत्री ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कलेक्टर को इंतजाम करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्टाफ भी सतर्कता से काम करे, यह भी सुनिश्चित किया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button