MP: मोहन कैबिनेट से कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, 9 साल बाद प्रमोशन का रास्ता साफ

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश के कर्मचारी हित में बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश में 9 साल बाद प्रमोशन का रास्ता खुला है। इससे 4 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। 449 नए आंगनबाड़ी केंद्र को भी मंजूरी मिली है। आंगनबाड़ी सहायिका और कार्यकर्ताओं की भर्ती की जाएगी। रक्षाबंधन पर लाडली बहनों को 250 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता 9 साल बाद साफ हो गया। 17 जून, मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव कैबिनेट में यह फैसला लिया गया। इससे 4 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
कैबिनेट में हुए प्रमोशन के फैसले पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए कहा कि हम कर्मचारियों को प्रमोशन देंगे। आरक्षित वर्गों का भी प्रतिनिधित्व भी हमने सुनिश्चित किया है और उनके हितों का भी पूरा ध्यान रखा है। आरक्षित वर्गों के परसेंटेज का पूरा ध्यान रखते हुए फैसला लिया गया।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लोकसेवकों को भी मेरिट के आधार पर पदोन्नति प्राप्त करने का अवसर दिया गया है। अनुसूचित जनजाति के लिए 20 प्रतिशत पदों और अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत पदों पर आरक्षण का प्रावधान है।
सरकार ने अग्रिम डीपीसी के प्रावधान भी किए हैं। पदोन्नति में वरिष्ठता का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। वरिष्ठ लोकसेवकों में से मेरिट के अनुसार न्यूनतम अंक लाने वाले लोकसेवक पदोन्नति के लिए पात्र होंगे। प्रथम श्रेणी के लोकसेवकों के लिए मेरिट कम वरिष्ठता का प्रावधान किया गया। वर्तमान वर्ष में आगामी वर्ष की रिक्तियों के लिए पदोन्नति समिति को बैठक लेकर चयन सूची बनाने का प्रावधान किया गया है। कार्य सेवाओं के लिए किसी वर्ष में की गई आंशिक सेवा को भी पूर्ण वर्ष की सेवा माना जाएगा। यदि किसी वर्ष में 6 माह की गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध है तो उसे पूर्ण वर्ष के लिए मान्य किया जाएगा।
साथ ही 449 नए आंगनबाड़ी केंद्र को मंजूरी मिली है। आंगनबाड़ी 2.0 के तहत स्थापना होगी। आंगनबाड़ी सहायिका और कार्यकर्ताओं की भर्ती भी की जाएगी। केंद्र सरकार 72 करोड़ और राज्य सरकार 70 करोड़ देगी।
बता दे कि 9 साल पहले 2016 से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई थी। इसकी वजह यह थी कि आरक्षण में प्रमोशन को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में था। सरकार ने वहां एसएलपी दाखिल की थी, जिससे प्रमोशन नहीं हो पा रहा था। ऐसे में अब प्रमोशन का रास्ता खुल गया है , 4 लाख लोगों को फायदा मिलेगा और 2 लाख खाली पदों पर भर्ती होगी।