MP: नर्मदा नदी को निर्मल बनाएगी मोहन सरकार, आसपास नहीं होगा मांस-मदिरा का विक्रय

मध्य प्रदेश सरकार का फोकस नर्मदा नदी को निर्मल करने पर है, जिसके चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि नर्मदा के किनारे बसे धार्मिक नगर और स्थलों के आसपास मांस-मदिरा का उपयोग न हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि अमरकंटक में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से लेकर प्रदेश की सीमा में जहां भी नर्मदा नदी बह रही है, वहां सीवेज इसमें न मिले।
नर्मदा के समग्र विकास पर मंत्रिमंडल समिति की बैठक में सीएम ने कहा कि, अमरकंटक में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से दूर सैटेलाइट सिटी डेवलप की जाए। सीएम ने नर्मदा में मशीनों से खनन गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाने के निर्देश भी दिए। अमरकंटक से शुरू होकर खम्बात की खाड़ी में मिलने वाली 1312 किमी लंबी नर्मदा की मप्र में लंबाई 1079 किमी है। नए फैसले का असर भी देखने को मिलेगा। नर्मदा के किनारे 21 जिले, 68 तहसीलें, 1138 गांव और 1126 घाट हैं। नर्मदा के किनारे 430 प्राचीन शिव मंदिर हैं और 2 शक्तिपीठ हैं। कई स्थानों व घाटों के प्रति आम लोगों की आस्था और मान्यता हैं।
सीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए नर्मदा के आसपास चलने वाली गतिविधियों पर सैटेलाइट इमेज और ड्रोन से नजर रखें। जीआईएस से नदी के दोनों ओर के विस्तार को चिह्नित कर क्षेत्र के संरक्षण और विकास के लिए विभिन्न विभाग समन्वय के साथ कार्ययोजना बनाएं। नर्मदा परिक्रमा को प्रमुख धार्मिक पर्यटन गतिविधि के रूप में विकसित किया जाए।
कुलमिलाकर, देखा जाए तो मध्य प्रदेश सरकार का फोकस नर्मदा नदी को निर्मल करने पर है, जिसके चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि नर्मदा के किनारे बसे धार्मिक नगर और स्थलों के आसपास मांस-मदिरा का उपयोग न हो।