Narsinghpur का गुड़ हो रहा बदनाम, माफियाओं परोस रहे धीमा जहर

अगर आप गुड़ खा रहे हैं, या फिर बच्चो को खिला रहे है या फिर नवजात बच्चे की मां को गुड़ से बना कोई स्वादिष्ट व्यंजन खिलाने की सोच रहे हैं तो हो जाइए सावधान। जी हां, हो जाइए सतर्क क्योंकि बेमौसम बनने वाला यह गुड़ धीमा जहर है। इस खास खबर में देखिए मिलावटी गुड़ कैसे बनता हैं और किसानों का क्या कहना हैं।
यूं तो नरसिंहपुर जिले का गुड़ पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान अपनी खास मिठास के लिए रखता है। लेकिन अब इस गुड़ में ग्रहण लग चुका है, और यह ग्रहण लगाया है। बाहर से आए गुड़ माफियाओं ने जो बेमौसम बनने वाले गुड़ के नाम पर परोस रहे हैं धीमा जहर। बेमौसम बनने वाला यह गुड़ उस सीरे से तैयार हो रहा है जिसमें कीड़े बिलबिला रहे हैं और सैकड़ो की तादाद में मक्खियों मरी डली हुई है।
नरसिहपुर में शुद्ध गुड ठंड के मौसम में बनता है यानी बारिश के बाद जब गन्ना पक चुका होता है और उससे निकलने वाले रस से शुद्ध और मीठा गुड़ बनाया जाता है लेकिन बारिश के मौसम में बनने वाला यह गुड़ सड़े हुए गुड़ या फिर शुगर मिलों से निकलने वाले बेकार सीरे से बनाया जा रहा है जो बेहद हानिकारक है, नरसिंहपुर में बनने वाले इस मिलावटी गुड को लेकर कमलनाथ सरकार ने जिले में बड़ी कार्रवाई की थी जिससे जिले के किसानों को आश थी कि, अब जिले में मिलावटी गुड़ नहीं बनेगा, और किसानों का शुद्ध गुड़ ही बाजार में बिकेगा जिससे गुड़ किसानों की साख बरकरार रहेगी। लेकिन सरकार बदलने ने के बाद जिले में एक बार फिर मिलावटी गुड़ बनाने वाले गुड़ माफियाओं ने पैर पसारना शुरू कर दिया है और यह माफिया उत्तर प्रदेश और बिहार से नरसिहपूर में आकर किसानों की गुड़ भट्टियां किराए पर लेकर मिलावटी गुड़ बनाने का काम कर रहे हैं जिससे जिले का गुड़ किसान तो परेशान हैं ही साथ में जिले का गुड़ जो एक जिला एक उत्पाद में शामिल हैं, उस पर भी ग्रहण लग रहा हैं।
वहींं इस बारे में जब जिले के आला अधिकारियों से बात की तो उन्होंने इस संदर्भ में कैमरे पर कुछ भी कहने से मना करते हुए कार्यवाही का आश्वासन दिया हैं। बहरहाल, देखना यह होगा की प्रशासन इन मिलावटखोरों पर क्या कार्यवाही करता है या फिर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति।