MP: BJP खेमे में सियासी हलचल तेज, जो विधायक या मंत्री नहीं बन पाए उन्हें मिलेगा पद

मध्य प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों से जुड़ी बड़ी खबर है। निगम-मंडल, आयोग, प्राधिकरण और बोर्ड में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर लिस्ट तैयार हो रही है। बताया जा रहा है कि कई नामों पर मुहर लग चुकी है। इस सूची में पूर्व मंत्रियों को भी स्थान मिलेगा।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के साथ बीजेपी में सियासी हलचल तेज हो गई है. वहीं, उन नेताओं में उम्मीद जाग गई है जो दावेदार माने जाते हैं. राज्य में लंबे अरसे से राजनीतिक नियुक्तियों पर सबकी नजर है, मगर संगठन के चुनाव होने के कारण नियुक्तियां रुकी हुई थीं. कई नेता ऐसे हैं जो विधायक हैं, मगर मंत्री नहीं बन पाए हैं, और वे निगम या मंडल में अपनी नियुक्ति चाहते हैं.
पिछले दिनों बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को बनाया गया और उसके बाद ही राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का अध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया को बनाया गया और सदस्य मौसम बिसेन को बनाया गया है, जो बीजेपी की वरिष्ठ नेता गौरीशंकर बिसेन की बेटी हैं.
संगठन स्तर पर सूची लगभग तैयार हो गई है। यह भी बताया जा रहा है कि क्षेत्र को साधने और प्रमुख लोगों को मुख्य धारा में लाकर अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। पूर्व मंत्री रामनिवास रावत, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया, पूर्व मंत्री कमल पटेल, पूर्व मंत्री अंचल सोनकर, पूर्व संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ और आशुतोष तिवारी, गिर्राज डंडोतिया, प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम महाजन, जयपाल सिंह चावड़ा, विजय दुबे, पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्मा, वरिष्ठ नेता राघवेंद्र गौतम, पूर्व विधायक राकेश गिरी, प्रदेश मंत्री लोकेंद्र पाराशर, वरिष्ठ नेता सुरेंद्र शर्मा और अलकेश आर्य आदि प्रमुख नामों में शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, संभावित नामों को लेकर बातचीत हो गई है। एमपी बीजेपी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के साथ प्रारंभिक बातचीत के बाद अंतिम मुहर लगेगी।