MP: दिग्विजय सिंह के बयानों के आखिर क्या है मायने?, सियासत शुरू

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह कोई भी बयान बिना सोचे समझे नहीं देते…नफा-नुकसान की परवाह किए बगैर वे रणनीति के तहत ही बोलते हैं…बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ जमीन पर बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो के साथ एक्स पर उनकी पोस्ट भी किसी रणनीति का हिस्सा हो सकती है…राजनीतिक हल्कों में इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है….बीजेपी और आरएसएस की तारीफ को राज्यसभा के लिए उनकी दबाव की राजनीति भी कहा जा रहा है।
9 अप्रैल 2026 को दिग्विजय का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है…वे खुद पर फोकस बना कर रखना चाहते हैं…जिससे उनके फिर राज्यसभा जाने की संभावना बनी रहे… इतना ही नहीं 9 अप्रैल 2026 को राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं…इनमें दिग्विजय के अलावा भाजपा के सुमेर सिंह सोलंकी का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है…2020 की तरह इस बार भी कांग्रेस राज्यसभा की एक ही सीट जीत सकती है…इसके लिए कांग्रेस से वरिष्ठ नेता दिग्विजय के अलावा कमलनाथ, जीतू पटवारी, मीनाक्षी नटराजन, अरुण यादव और कमलेश्वर पटेल प्रमुख दावेदार हैं…सभी राज्यसभा के लिए कोशिश कर रहे हैं ।
दिग्विजय सिंह के बयान के बाद बीजेपी उनकी चुटकी ले रही है…कांग्रेस में अंदरखाने की गुटबाजी को लेकर भी बीजेपी को फायदा होता रहा है…दिग्गी के बयान पर बीजेपी चुटकी ले रही है…सबनानी का कहना है कि कब क्या कहना है वो जानते हैं…राज्यसभा चुनाव के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वही कांग्रेस मानती है कि यदि दिग्विजय सिंह राज्यसभा में जाते हैं तो कांग्रेस मजबूत होगी…जो लोग दिग्विजय सिंह की निष्ठा पर सवाल खड़ा कर रहे है, वह कांग्रेस के स्लीपर सेल हैं।
एमपी में दिग्विजय के बयान से सियासत गर्माई है…दिग्विजय सिंह के बयान के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं… अब देखने वाली बात यह है कि दिग्विजय सिंह के बयान से गरमाई राजनीति आखिर कहा पर खत्म होती है… क्या दिग्विजय सिंह राज्यसभा जाएंगे या फिर कांग्रेस किसी और को राज्यसभा भेजती है।



