MP: बचपन में दूसरों के घर खाना खाते थे ज्योतिरादित्य सिंधिया, पुरानी यादों को ताजा कर भावुक हुए

मध्यप्रदेश के रतलाम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया माधव रत्न अलंकरण समारोह में अपने पिता की यादों को याद करते हुए भावुक हो गए , सिंधिया ने कहा की, मैं दिखता जवान हूं, लेकिन मेरी आत्मा बूढ़ी हो गई है, मैं दूसरों के घरों में भोजन करने जाता था तो टाइम का पता ही नहीं चलता था। लोग वचन देते थे तो निभाते थे।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को रतलाम में माधव रत्न सम्मान समारोह में शामिल होने पहुंचे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवियों को सम्मानित किया
अपने पिता की स्मृति में आयोजित सम्मान समारोह में पहुंचकर सिंधिया पिताजी को यादकर भावुक हो गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, ”मैं केंद्रीय मंत्री के रूप में नहीं बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में यहां कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा हूं. यहां पहुंच कर मेरे पूज्य पिताजी से जुड़ी यादें ताजा हो जाती हैं. मेरे पूज्य पिताजी जी ने रतलाम, नीमच, इंदौर और उज्जैन को भी उतनी ही प्राथमिकता दी, जितनी ग्वालियर को दी और इस क्षेत्र का विकास किया।
उन्होंने कहा कि, ‘ मैं दिखता जवान हूं, लेकिन मेरी आत्मा बूढ़ी हो गई है. उन्होंने यह भी बताया कि, बचपन की जिंदगी ज्यादा अच्छी थी. मैं दूसरों के घरों में भोजन करने जाता था तो टाइम का पता ही नहीं चलता था. लोग वचन देते थे तो निभाते थे , लोग रिश्ते बनाने में निवेश करते थे।
माधव रत्न अलंकरण समारोह के दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, महापौर प्रहलाद पटेल, विधायक मथुरालाल डामर, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, नगर निगम अध्यक्षा मनीषा मनोज शर्मा, केके सिंह कालूखेड़ा और नीमिष व्यास मौजूद रहे।