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MPL में ज्योतिरादित्य सिंधिया और महाआर्यमन का जुदा अंदाज, बेटे का हौंसला बढ़ाने आए महारानी और महाराज

सियासत के महाराज और क्रिकेट के युवराज का एमपीएल में अलग अंदाज देखने को मिला , महाआर्यमन सिंधिया ने एमपीएल के दूसरे सीजन का सफल आयोजन कर मध्यप्रदेश को विश्वपटल पर एक अलग पहचान दी। जूनियर सिंधिया ने आईपीएल से एक कदम आगे बढ़कर MPL के लिए ऐसे नवाचार किए जो भारतीय क्रिकेट के लिए उदाहरण बन गए।

क्रिकेट में सबसे बड़ा शॉट होता है सिक्सर और लगातार छह गेंद को बाउंड्री के पार मारने वाले युवराज को कोई नहीं भूला। अब भारतीय क्रिकेट में एक और ‘युवराज’ की चर्चा है, जो मैदान के बाहर से लगातार तूफानी शॉट लगा रहा है। उम्र 29 साल है, लेकिन देश में क्रिकेट की ऐसी लीग तैयार कर दी, जिसके नवाचारों की बराबरी आईपीएल भी नहीं कर सका। वही MPL के जरिये ई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें रणजी डेब्यू का अवसर नहीं मिला, लेकिन MPL  लीग से उन्होंने पहचान बनाई और आईपीएल तक पहुंच गए। इनमें हैदराबाद सनराइजर्स के अनिकेत वर्मा, दिल्ली कैपिटल्स के माधव तिवारी और केकेआर में चुने गए शिवम शुक्ला जैसे नाम शामिल हैं।

ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष महाआर्यमन सिंधिया की अगुवाई में ग्वालियर के मदवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में MPL के दूसरे चरण का सफल आयोजन हुआ।  फाइनल मुकाबले के दौरान स्टेडियम में युवराज के साथ महराज का स्टाइल देखने को मिला।  सिंधिया के  चेहरे पर मुस्कान और जोश यह बताने के लिए काफी था कि बेटे युवराज ने क्रिकेट के जरिए सियासत तक अपनी पिच तैयार कर ली है। 

अपने दादा का सपना पूरा करने और MPL को सफल बनाने में जूनियर सिंधिया की सालो की मेहनत है। पिता केंद्रीय मंत्री है लेकिन महाआर्यमन ने अपनी अलग लाइन खींचना शुरू कर दी, बेटे का होंसला बढ़ाने के लिए स्टेडियम में माँ महारानी प्रियदर्शनी की मौजूदगी भी सुर्खियों में रही। क्रिकेट स्टेडियम में महाराज और युवराज की कदमताल और फैंस का जूनून सियासत में नई हलचल भी पैदा कर रही है और महाआर्यमन के सियासी भविष्य को भी गढ़ रही है। 

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