Ujjain में शराबबंदी, लेकिन महामाया को लगा मदिरा भोग, 27 किलोमीटर तक बहती है धार

उज्जैन शहर में प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा का निर्वाहन करते हुए चैत्र नवरात्री की अष्टमी पर आज 24 खम्बा माता मंदिर पर माता महालया एवं महामाया को नगर की सुख समृद्धि और शांति सहित प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए मदिरा का भोग लगाया गया और महाआरती की गई।
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर आज सुबह 24 खम्बा माता मंदिर पर माता महालया एवं महामाया को नगर की सुख समृद्धि और शांति सहित प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए मदिरा का भोग लगाया गया। जिसके बाद शहर में करीब 27 किलोमीटर तक मदिरा की धार लेकर विभिन्न माता एवं भैरव मंदिर पर पूजन किया गया। यह परम्परा सम्राट विक्रमादित्य के काल से चली आ रही है।
अखाडा परिषद् अध्यक्ष रविंद्र पूरी महाराज और सीएम के बढे भाई नारायण यादव ने माता महालाया एवं महामाया को चांदी के पात्र से मदिरा का भोग लगाया। दसरल चैत्र नवरात्री में अखाड़ा परिषद् द्वारा माता का पूजन किया जाता है और मदिरा को भोग लगाया जाता है ताकि पुरे नगर में सुख शान्ति और प्राकृतिक आपदाये माता के आशीर्वाद से दूर रहे इसी कामना को लेकर आज अखाडा परिषद् के अध्यक्ष रविंद्र पूरी महाराज और सीएम के बढे भाई नारायण यादव ने माता महालाया और महामाया को चांदी के पात्र से मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजन की शुरुवात की और हांडी में मदिरा लेकर शहरभर में 27 किलोमीटर धार चढ़ाने की शुरुवात की इस दौरान एसपी प्रदीप शर्मा भी मौजूद थे।
गौरतलब है की 1 अप्रेल से उज्जैन सहित प्रदेश के 19 शहरों में शराबबंदी की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में इस बार नगर पूजा के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ही एक पेटी देसी शराब और दो बोतल अंग्रेजी शराब लेकर चौबीस खंबा माता मंदिर पहुंचे थे। खास बात यह रही कि इस बार देवी महालया और महामाया को सीधे बोतल से मदिरा अर्पित करने की जगह चांदी के पात्र में मदिरा भरकर चढ़ाई गई।