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MP: ‘केले के पत्तों’ में लिपटे DM ऑफिस पहुंचा शख्स, सरकारी जमीन दिलाने की जंग

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला कलेक्टर कार्यालय में मंगलवार की जनसुनवाई को एक अनोखा नजारा देखने को मिला। दलोदा तहसील के लाला खेड़ा गांव निवासी पन्नालाल सेन पूरे शरीर पर केले के पत्ते लपेटकर अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। यह अनोखा तरीका किसी मज़ाक का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक आम नागरिक की प्रशासन को जगाने की गंभीर कोशिश थी।

कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक फरियादी तब चर्चा का विषय बन गया, जब वह पूरे शरीर में केले का पत्ता लपेटकर जनसुनवाई में पहुंच गया। यह दृश्य किसी रंगमंचीय नाटक का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक ऐसे आम नागरिक की सरकार को झकझोरने की कोशिश थी, जो शासकीय जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए एक साल से संघर्ष कर रहा है।

यह अनोखा प्रदर्शन करने वाले शख्स हैं पन्नालाल सेन, जो मंदसौर जिले की दलोदा तहसील के लाला खेड़ा गांव के निवासी हैं। उनका कहना है कि गांव में स्थित सरकारी जमीन पर अवैध रूप से निजी धर्मशाला का निर्माण किया जा चुका है, जिसकी शिकायत उन्होंने एक वर्ष पूर्व की थी। लेकिन इतने लंबे समय के बाद भी न तो प्रशासन ने जांच की, और न ही कोई ठोस कदम उठाया।

पन्नालाल ने बताया कि, “उन्होंने पिछले साल 30 जुलाई को प्रशासन से इस मामले की शिकायत की थी. समय पर सुनवाई न होने पर उन्होंने पत्र के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी इससे अवगत कराया था. हालांकि बाद में दलोदा तहसीलदार नीलेश पटेल ने पूरे प्रकरण की जांच की और धर्मशाला की जमीन को सरकारी जमीन घोषित करने का आदेश भी जारी कर दिया.

यह मामला इसलिए भी गौर करने लायक है, क्योंकि पन्नालाल सेन न तो कोई जनप्रतिनिधि हैं और न ही कोई बड़े अधिकारी। वह एक सामान्य नागरिक हैं जो अपने स्तर पर सरकारी ज़मीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। वह अपनी जेब से पैसे खर्च कर रहे हैं और लगातार प्रशासन से संपर्क बनाए हुए हैं, ताकि सरकारी ज़मीन सरकार को वापस मिल सके। जहां एक ओर कई लोग सरकारी ज़मीनों पर अवैध कब्जे कर रहे हैं, वहीं पन्नालाल जैसे नागरिक सरकार को लाभ दिलाने के लिए खुद सरकार से ही लड़ाई कर रहे हैं।

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