MP: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्मदिन, 51 साल के हुए महाराज

ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया को सियासत विरासत में मिली थी. अपने दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद वह राजनीति में उतरे और 2002 में पहली बार सांसद चुने गए थे. 2002 से लेकर 2024 तक उनके सियासी जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश और भारतीय राजनीति में उनका अपना एक अलग मुकाम है. 2025 भी सिंधिया के लिए खास हो सकता है, इस वक्त वह मोदी सरकार में सीनियर मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, जहां आने वाले समय में उन्हें और भी बड़ी जिम्मेदारियां मिल सकती है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया यूं तो राजनीति में 23 साल का सफर पूरा कर चुके हैं, लेकिन साल 2020 उनके सियासी जीवन का सबसे अहम साल माना जाता है. पिता के निधन के बाद कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करने वाले सिंधिया ने 2020 में अपने राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा फैसला लेते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया. उनके बीजेपी में आने से मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई जिसके बाद सिंधिया राज्य की राजनीति में एक बड़ा पॉवर सेंटर बनकर उभरे हैं, मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी उन्हें मंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी दी गई जबकि इस बार भी वह अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं.
मध्य प्रदेश की सरकार में भी सिंधिया समर्थक मंत्रियों का भी दबदबा देखा जा सकता है. कभी कांग्रेस के सबसे बड़े झंडाबरदार माने जाने वाले सिंधिया आज देश में बीजेपी का बड़ा चेहरा बनकर उभर रहे हैं. पीएम मोदी और अमित शाह से उनकी नजदीकियां उनके सियासी कद की कहानी बयां करती है.