MP: राहुल गाँधी का मिशन मध्यप्रदेश, 2028 के चुनाव को लेकर संभाली कमान

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार और लम्बे समय से सत्ता से दूर एमपी कांग्रेस को फिर से मजबूती देने के लिए राहुल गाँधी मिशन मध्यप्रदेश पर है, संगठन सृजन के जरिये पीसीसी को मजबूत करने भोपाल आए राहुल गाँधी ने पार्टी के नेताओं के साथ मिशन 2028 की रणनीति तैयार की और संगठन की मजबूती के लिए महामंथन जारी है।
एमपी पीसीसी मुख्यालय में करीब 10 साल बाद राहुल गांधी के कदम पड़े हैं। वह पांच घंटे तक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे। साथ ही एमपी में पार्टी की चुनौतियां क्या है। उसके बारे में समझेंगे। कांग्रेस पार्टी अगर बीच के 15 महीनों को छोड़ दें तो करीब दो दशक से सत्ता से दूर है। लोकसभा चुनाव में एमपी में पहली बार कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया है। छिंदवाड़ा जैसे अभेद किले को भी पार्टी नहीं बचा पाई है। ऐसे में राहुल गांधी का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। वह एमपी में संगठन के अंदर नई जान फूंकने आ आए है।
एयरपोर्ट पर राहुल गाँधी का जोरदार स्वागत किया गया। बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे है , एयरपोर्ट से लेकर पीसीसी दफ्तर तक राहुल के स्वागत में मंच लगाए गए। पार्टी कार्यकर्ता हाथों में जातिगत जनगणना की तख्ती लेकर खड़े नजर आए। पीसीसी दफ्तर में राहुल गाँधी ने कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक ली। इसमें नकुलनाथ को छोड़कर अन्य मेंबर मौजूद रहे। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के मुताबिक आगामी चुनाव के लिए ये बैठक अहम् है, अगली बार कांग्रेस खुद को एमपी की सत्ता में देखना चाहती है।
संगठन सृजन अभियान के लिए एआईसीसी ने 61 ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। इनके साथ हर जिले के लिए एमपी कांग्रेस की ओर से 4-4 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। पीसीसी के फर्स्ट फ्लोर पर राहुल गांधी 226 ऑब्जर्वर्स के साथ बैठक कर उन्हें अभियान की पूरी रूपरेखा समझाएंगे।
भोपाल आगमन के दौरान जातिगत जनगणना के फैसले को लेकर भी राहुल गाँधी का धन्यवाद किया गया। आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने कहा राहुल गांधी ने देश में जाति जनगणना के लिए लड़ाई लड़ी और सरकार को झुकना पड़ा। संगठन सृजन अभियान के जरिए कांग्रेस का नया नेतृत्व उभरेगा। वे नेता मजबूत होंगे, जो जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं।
कुल मिलाकर राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय और रविंद्र भवन में पार्टी नेताओं से अलग-अलग लेवल पर मीटिंग करेंगे। साथ ही सृजन अभियान को मिशन 2028 से जोड़कर देखा जा रहा है। मध्य प्रदेश में 2028 में विधानसभा के चुनाव हैं। पार्टी में नेता तो हैं लेकिन जमीनी स्तर पर संघर्ष के लिए कार्यकर्ता नहीं हैं। कार्यकर्ताओं और नेताओं में जोश के संचार के लिए राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश की कमान संभाल ली है।