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MP: G-RAM-G के खिलाफ पंजाब प्रस्ताव पर विवाद, आखिर क्यों भड़के शिवराज सिंह चौहान?

पंजाब में मनरेगा के स्थान पर लाए गए विकसित भारत – रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन, यानी G-RAM-G के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब सरकार और विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है। शिवराज ने इसे सीधे-सीधे संघीय ढांचे पर हमला करार दिया है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, संसद की ओर से पारित किसी कानून के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाना संघीय ढांचे की मूल भावना के खिलाफ है। संविधान ने कानून बनाने का अधिकार संसद को दिया है और उसे मानना केंद्र और राज्यों—दोनों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि केवल विरोध के लिए विरोध करना न तो लोकतांत्रिक है और न ही संवैधानिक।

शिवराज सिंह चौहान ने G-RAM-G बिल पर संसद में चर्चा के दौरान लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की गैरमौजूदगी को लेकर भी कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इतने महत्वपूर्ण कानून पर चर्चा हो रही हो और नेता प्रतिपक्ष संसद से गायब रहें, जवाब सुनने की बजाय केवल हंगामा करें यह गैर-जिम्मेदाराना आचरण है। शिवराज ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि बाहर जाकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि वर्षों पुरानी रोजगार योजना एक रात में खत्म कर दी गई, जबकि सच्चाई यह है कि रोजगार योजनाओं में समय-समय पर बदलाव पहले भी होते रहे हैं।

पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार की स्थिति बेहद गंभीर है। सोशल ऑडिट केवल आधी ग्राम पंचायतों में हुआ, 10 हजार 653 वित्तीय गबन के मामले सामने आए, लेकिन न तो वसूली हुई और न ही कोई ठोस कार्रवाई। मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिल रही और सरकार भ्रष्टाचार पर काम करने के बजाय कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने में लगी है।

G-RAM-G को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच बढ़ता टकराव अब सियासी आरोप-प्रत्यारोप में बदल चुका है। संघीय ढांचे, संसद की सर्वोच्चता और रोजगार योजनाओं को लेकर यह बहस आने वाले दिनों में और तेज होने के संकेत दे रही है।

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