CM मोहन यादव का कृष्ण पाथेय, BJP के लिए बनेगा ब्रह्मास्त्र!

राम के सहारे सत्ता में आने वाली भाजपा को सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने ऐसा मुद्दा हाथ में दे दिया जो बीजेपी आलाकमान के लिए ब्रह्मात्र साबित होगा। ये मुद्दा है कृष्ण पाथेय योजना का ! देश और प्रदेश की जनता को राम से कृष्ण की तरफ जोड़ने का। ये मुद्दा है यादव लैंड पर यादव वोटबैंक को बीजेपी से जोड़ने का।
अयोध्या में श्री राम मंदिर बनने के बाद देश की जनता को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए किसी बड़े मुद्दे की तलाश में है। ऐसे में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीकृष्ण पाथेय बनाने का ऐलान किया है। इसके तहत जहां-जहां भगवान कृष्ण के पांव पड़े हैं, उन क्षेत्रों को धर्म क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम मोहन की इस योजना को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने सराहा है। जिस तरह से मुख्यमंत्री मोहन की योजना को जनता और सरकारों का समर्थन मिल रहा है उससे यह लगने लगा है कि मोहन का कृष्ण पाथेय भाजपा का ब्रह्मास्त्र बनेगा।
गौरतलब है कि, पहले राम मंदिर के लिए आंदोलन फिर राम मंदिर का निर्माण करवाकर भाजपा ने देश की बहुसंख्यक आबादी का विश्वास जीत लिया है। ऐसे में अब कृष्ण पाथेय का मुद्दा पार्टी के लिए बड़ा हथियार बन सकता है।
गौरतलब है कि, देश में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा लगातार चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ऐसे में कृष्ण पाथेय भाजपा के लिए ऐसा मुद्दा बन सकता है जिससे केवल यादव समाज को ही नहीं इससे समस्त हिंदुओं को साधा जा सकता है।
मोहन यादव ने एमपी में कृष्ण पाथेय बनाने का ऐलान किया है जिसके तहत राम वन गमन पथ की तरह भगवान श्री कृष्ण को लेकर प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थलों को विकसित किया जाएगा। योजना में प्रदेश के बाहर श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों को शामिल किया जाएगा। जिन स्थानों को सांस्कृतिक आयोजनों के लिए चुना गया है उनमें द्वारिका, अमरावती, मथुरा, सोमनाथ और रणथंबोर भी शामिल हैं। प्रदेश के जिन स्थानों पर सांस्कृतिक आयोजन होंगे उनमें उज्जैन, इंदौर, जानापाव और धार शामिल हैं। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ साहित्य के अध्ययन आदि के माध्यम से पाथेय का नक्शा बनाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर इस बार प्रदेश भर में सत्ता और संगठन ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लोक पर्व के रूप में मनाया। प्रदेश में पहली बार जन्माष्टमी के दिन स्कूल खुले और वहां कार्यक्रम आयोजित किए गए। जानकारों का कहना है कि प्रदेश को कृष्णमय बनाने के पीछे राजनीतिक संदेश भी छिपे हैं। भाजपा इसका लाभ देश भर के यादव मतदाताओं को लुभाने के लिए लगी। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा राजस्थान और हरियाणा में भी यादव मतदाताओं की संख्या काफी है। हरियाणा के एक क्षेत्र को तो अहीर लैंड भी कहा जाता है। जाहिर है कृष्ण पाथेय की गूंज देश भर के यादव लैंड तक गुंजायमान होगी।