MP: भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे का विरोध, पीथमपुर में नष्ट किया जाएगा

राजधानी भोपाल में हुए गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा नष्ट करने के लिए पीथमपुर लाया जा रहा है , जिसे लेकर इंदौर के डॉक्टरों ने विरोध जताया है और हाई कोर्ट में याचिका दायर की है ,जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन जहरीले कचरे को इंदौर के पास पीथमपुर की एक औद्योगिक अपशिष्ट निपटान इकाई में नष्ट किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के गोदाम में रखा 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनर में एक साथ पीथमपुर ले जाया जाएगा। इसके लिए 250Km लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनेगा।
इस मामले में इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के अल्युमिनियम ग्रुप सदस्यों ने इंदौर हाई कोर्ट में कचरा जलाए जाने के खिलाफ एक याचिका प्रस्तुत की है। याचिकर्ता डॉक्टर संजय लौंधे का कहना है कि इस विषैले कचरे से आसपास का जलवायु प्रदूषण होगा ,साथ ही केंसर के मरीज भी बढ़ेंगे।
इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की है जो स्वीकार कर ली गई है जिस पर मंगलवार को सुनवाई होना है। इस मामले में याचिका प्रस्तुत करने के बाद कई सामाजिक संगठन भी आगे आए हैं जो इस मामले को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करेंगे।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में यह याचिका ऐसे वक्त दायर की गई है, जब जहरीले कचरे को भोपाल से पीथमपुर भेजकर इसे नष्ट किए जाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आपको बता दे कि जबलपुर हाई कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद भी यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे का निपटारा नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए तीन दिसंबर को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि इस कचरे को तय अपशिष्ट निपटान इकाई में चार हफ्तों के भीतर भेजा जाए, जिसके बाद जहरीले कचरे को पीथमपुर लाया जा रहा है।