Indore: योद्धा बने किशोर कोडवानी, हाई कोर्ट में हुई जीत, हटेगा BRTS

इंदौर BRTS की लड़ाई में समाजसेवी किशोर कोडवानी एक योद्दा की तरह उभरकर सामने आए है , कोडवानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बीआरटीएस हटाने का फैसला सुना दिया। जिसके बाद एकबार फिर जुबा पर किशोर कोडवानी की कहानी आ गई।
12 साल पहले तीन सौ करोड़ की लागत से बना इंदौर का बीआरटीएस हटेगा। इसे लेकर लगी याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इसे हटाने की मंजूरी दी है। कल से नगर निगम इसे हटाना शुरू कर देग। , लेकिन इस फैसले के असली नायक इंदौर के समाजसेवी किशोर कोडवानी है जिन्होंने 12 साल तक कोर्ट में BRTS के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
दरअसल, किशोर कोडवानी ने 2013 में बीआरटीएस को लेकर जनहित याचिका दायर की थी जिसमे तकनिकी प्रश्न उठाया था की भारत में लेफ्ट हैंड ड्राइविंग चलती है और BRTS राइट हैंड ड्राइविंग की नक़ल है। वही 42 प्रतिशत रोड एक्वायर किया था 2 प्रतिशत लोगों के लिए। कोर्ट का फैसला आने के बाद किशोर कोडवानी ने कहा कि जब सरकार को BRTS को लेकर गलती महसूस हुई तब कोर्ट ने फैसला सुनाया।
वर्तमान परिस्थितियों में बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यावहारिकता जांचने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रखी। इसमें कहा कि इंदौर का बीआरटीएस वर्तमान परिस्थिति में अपनी उपयोगिता खो चुका है। लिहाजा कोर्ट ने कोडवानी की याचिका पर बीआरटीएस हटाने का आदेश दे दिया।



