MP: हर गांव, हर बस्ती, हर-घर पहुंचेगा संघ, RSS ने शताब्दी वर्ष के लिए बनाई विशेष कार्य योजना

इस साल विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर आरएसएस शताब्दी वर्ष के तहत पूरे साल कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मालवा प्रांत के संघचालक डॉ प्रकाश जी शास्त्री, प्रांत प्रचार प्रमुख जयशंकर शर्मा ने पूरे साल की कार्ययोजना बताई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुप्रीमो मोहन भागवत ने बेंगलुरु में आरएसएस के शीर्ष निर्णायक मंडल ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक का उद्घाटन किया. तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में आरएसएस के कामकाज, उसके संगठनों, भारत के समसायिक मुद्दों और देश में ‘उत्तर-दक्षिण विभाजन’ पैदा करने के प्रयासों पर चर्चा की गई। इसी बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी मालवा प्रान्त के संघ चालक डॉ प्रकाश शास्त्री और प्रांत प्रचार प्रमुख जयशंकर शर्मा ने इंदौर में प्रेस कांफ्रेस के माध्यम से दी।
मालवा प्रान्त के संघ चालक डॉ प्रकाश शास्त्री ने बेंगलुरु में लिए गए प्रकल्पों की जानकारी देते हुए कहा कि बांग्लादेश के हिन्दू समाज के साथ एकजुटता के साथ खड़े होने का आवाहन किया गया। उन्होंने 2024 और 25 का तुलनात्मक ब्यौरा देते हुए बताया कि, 2024 में संघ की शाखा का काम 45600 स्थानों पर था 2025 में बढ़कर 51710 स्थानों पर हो गया है। दैनिक शाखा 73117 शाखा से बढ़कर 83129 स्थानों पर हो गए। विद्यार्थीयों की संयुक्त शाखा 28409 थी इस वर्ष 33129 हो गई है। महाविद्यालय में जाने वाले तरुण विद्यार्धी एक्सक्लूसिव शाखा 5465 से बढ़कर 5991 हो गई है।
विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे है. अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर आरएसएस शताब्दी वर्ष का आयोजन करने वाला है. जिसके जरिए संघ भारत के हर गांव, हर बस्ती, हर घर तक अपनी पहुंच बनाएगा. हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।
मालवा प्रान्त के संघ चालक डॉ प्रकाश शास्त्री ने बताया खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा. इन बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र को खोए बिना आधुनिक जीवन जीने का संदेश देना होगा , कुटुंब प्रबोधन , सामाजिक समरसता , नागरिक अनुशासनता , पर्यावरण और स्वभाव के पांच विषय लेकर संघ काम करेगा।
युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांतों द्वारा आयोजित किए जाएंगे. 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे. स्थानीय इकाइयां आवश्यकता के अनुसार कार्यक्रमों की योजना बनाएंगी.
इन सौ सालों में शायद ही ऐसा कोई वक़्त रहा जब संघ, उसकी विचारधारा या उसकी गतिविधियां सुर्ख़ियों में न रही हों। कुल मिलाकर मालवा प्रान्त के संघ चालक ने सन्देश दिया कि, संघ केवल संगठन नहीं, बल्कि एक विचारधारा है जो समाज को जोड़ने और सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में संघ अपनी गतिविधियों को और व्यापक बनाने का संकल्प लेता है ताकि राष्ट्र के पुनर्निर्माण में हर नागरिक की भूमिका सुनिश्चित हो।