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MP: प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज, अगले 7 दिन में BJP को मिलेगा नया BOSS

अगले सात दिनों में एमपी बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जगह नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एमपी के हलचल तेज है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में दुर्गादास उईके सबसे आगे है।

मध्यप्रदेश में बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा ? अब पार्टी किसे मध्यप्रदेश भाजपा की कमान सौंपेगी ? ये वो सवाल हैं जो बीते कुछ दिनों से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में खासे चर्चाओं में है। जनवरी महीने में नौ बार में बीजेपी ने सभी संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित किए थे। बूथ समिति, मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना था। लेकिन अभी तक अलग अलग कारणों से बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के नाम का ऐलान टलता गया। अब ऐसे संकेत हैं कि अगले हफ्ते एमपी बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष चुनाव पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान सोमवार को राजधानी भोपाल आएंगे। वे मध्यप्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल होंगे। मध्यप्रदेश में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पद के दावेदारों की बात की जाए तो कई दिग्गज नेताओं के नाम लंबे समय से चर्चाओं में हैं। वीडी शर्मा- खजुराहो सांसद और वर्तमान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा फिर से प्रदेशाध्यक्ष बनने के सशक्त दावेदार हैं। नरोत्तम मिश्रा- पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ब्राह्मण चेहरे के तौर पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के दावेदार बने हुए हैं। हेमंत खंडेलवाल – बैतूल विधानसभा सीट से विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे चौंकाने वाला है।  फग्गन सिंह कुलस्ते- मंडला लोकसभा सीट से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम भी चर्चाओं में हैं। लाल सिंह आर्य- अनुसूचित जाति के होने के कारण लाल सिंह आर्य भी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के दावेदार हैं। लाल सिंह आर्य लगातार दो चुनाव हारने के बाद भी संगठन में सक्रिय हैं सुमेर सिंह सोलंकी – राज्यसभा सांसद और युवा आदिवासी चेहरे के तौर पर सुमेर सिंह सोलंकी भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए मजबूत दावेदार हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में आदिवासी वर्ग के नेताओं में बैतूल सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके के नाम पर मंथन तेजी से शुरू हुआ है। वे बैतूल से दूसरी बार के सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री हैं। दुर्गादास के नाम पर इसलिए चर्चा मप्र में 22 फीसदी आदिवासी आबादी है। इनमें से 13 फीसदी आदिवासी गोंड समाज के हैं। दुर्गादास उईके संघ की विचारधारा से जुडे़ रहे हैं। राजनीति में आने से पहले वे सरकारी शिक्षक थे। आदिवासी वर्ग में संघ की विचारधारा के निर्विवाद नेताओं में डीडी उईके का नाम आता है। एमपी में सत्ता और संगठन के साथ ही संघ भी उनके नाम पर सहमति दे सकता है।

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