MP: कांग्रेस संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट, गुजरात मॉडल पर घोषित होंगे नए जिलाध्यक्ष

मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की तैयारियां तेज़ हो गई हैं। कांग्रेस जल्द ही प्रदेश के जिला अध्यक्षों की घोषणा करने जा रही है। इसके लिए पार्टी ने अगस्त तक की समय सीमा तय की है। पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को सौंप दी है और अब अंतिम चरण में बाकी जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस में नए जिला अध्यक्षों की घोषणा अगस्त महीने में होने की संभावना है। पर्यवेक्षकों ने प्रत्येक जिले से छह-छह नाम फाइनल कर केंद्र को भेज दिए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल खुद इस पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं और पर्यवेक्षकों से लगातार फीडबैक भी ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में बाकी बचे जिलों के पर्यवेक्षकों से भी रिपोर्ट मंगवाई जाएगी, जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि, हमने संगठन को मज़बूत करने के लिए ज़मीनी नेताओं को तरजीह दी है। फील्ड से मिले सुझावों के आधार पर नाम भेजे गए हैं। हाईकमान जल्द ही अंतिम घोषणा करेगा। 15 अगस्त को सभी नए जिलाध्यक्ष तिरंगा फराएंगे…
वही बीजेपी विधायक भगवान दास सबनानी का कहना है कि, कांग्रेस में कार्य पद्धति नेता आधारित है, गुटों में बटी कांग्रेस अपने-अपने क्षेत्र में तय कर लेते हैं कि, कौन हमारा जिला अध्यक्ष होगा… कांग्रेस में योग्यता नहीं होती है, सिर्फ चाटूकारिता पर विचार होता है…
दरअसल, आगामी चुनावी तैयारियों को देखते हुए कांग्रेस संगठन को मज़बूत करने में जुटी है। नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के ज़रिए पार्टी स्थानीय स्तर पर सक्रियता बढ़ाना चाहती है। वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की अंतर्कलह और नेतृत्व संकट से जोड़कर देख रही है। अब देखना ये होगा कि कांग्रेस का यह संगठनात्मक बदलाव उसे आगामी चुनाव में कितना फायदा पहुंचा पाता है।