Ujjain: सावन का दूसरा सोमवार, महाकाल दरबार में आस्था का सैलाब

श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान महाकाल की विशेष भस्मारती हुई, इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने चलित भस्मारती के दर्शन किए। सुबह से ही बड़ी संख्या में भोलेनाथ के भक्त मंदिर में उनके दर्शन पाने को उमड़ रहे हैं।
श्रावण मास का दूसरा सोमवार है, विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के धाम में रात 02:30 बजे भस्म आरती के लिए पट खुल गए थे. तब से मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है. जय महाकाल के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा है. विश्व में एकमात्र दक्षिणमुखी महाकालेश्वर का ज्योतिर्लिंग है, जहां की भस्म आरती दर्शन विशेष मानी जाती है. इसके बाद भगवान का विजया स्वरूप में श्रृंगार हुआ.
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अमर गुरु ने बताया कि, विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि सोमवार पर रात 2.30 बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। जिसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया।
इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। भस्म आरती के बाद विशेष महाआरती कर बाबा महाकाल से राष्ट्र की सुख समृद्धि की कामना भी की गई।