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Indore की गौरवशाली परंपरा को 101 वर्ष पूरे, अनंत चतुर्दशी पर झांकी देखने रातभर जागा इंदौर

इंदौर में अनंत चतृर्दशी को मंगलवार रात एक बार फिर शहर की सड़कों पर झिलमिलाती झांकियों का कारवां निकला। एक सदी पहले शुरू हुई परंपरा का शहरवासियों ने पूरे उत्साह के साथ निर्वहन किया। शाम करीब छह बजे झांकियों ने जब सड़कों पर झिलमिलाना शुरू किया तो संस्कृति भी मुस्कुरा उठी।

12 घंटे में झांकियों ने 6 किमी का सफर पूरा किया। झांकी मार्ग पर दो लाख से ज्यादा लोग जुटे थे। इनमें कई लोग दूसरे शहरों से भी आए थे। पूरी रात महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सबसे पुरानी हुकुमचंद मिल को पहला इनाम मिला।  हुकुमचंद मिल की तीन झांकियां थी जिसमे जिसमे श्रीकृष्ण और इंद्रा देवा के युद्द की झांकी को पहले इनाम के लिए पुरुस्कृत किया गया।  दूसरे स्थान पर राजकुमार और कल्याण मिल की झांकी रही।  राजकुमार मिल की झांकी में मोटू पतलू की जोड़ी रही और कल्याण मिल में राष्ट्री एकता का सन्देश था । तीसरे पायदान पर मालवा मिल की झांकी रही जिसमे श्रीकृष्ण द्वारा माखन चोरी की घटना दिखाई गई। 

वीओ- इसी तरह परम्परानुसार अखाड़ों को भी पुरुस्कृत किया गया जिसमे बंदिश वर्ग के चंद्रपाल उस्ताद व्यवयामशाला पहले स्थान पर , वल्लभभाला वर्ग में छोगालाल उस्ताद व्यवयामशाला , बालक वर्ग में कार्तिक राजपूत लोधी पांच व्यवयामशाला , बालिका वर्ग में प्रतिष्ठा हार्डिया एकलव्य व्यवयामशाला , को पुरुस्कृत किया गया।  14 किमी लंबे झांकी मार्ग पर जहां तक नजर जा रही थी सिर्फ और सिर्फ उत्साह नजर आ रहा था। जैसे-जैसे रात गहराने लगी वैसे-वैसे उजास का यह उत्सव भव्यता की ओर बढ़ता गया।

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