MP: भागीरथपुरा दूषित पानी कांड पर CM का एक्शन, लापरवाह अधिकारियों पर गिरी गाज

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने सबको दहलाकर रख दिया। भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, जहां एक ओर इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं दूसरी ओर अब इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त एक्शन लिया है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर गाज गिरी है। कलेक्टर को सीधे तौर पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
भागीरथपुरा में दूषित पानी ने मौत बनकर दस्तक दी, अब तक 8 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है, जिनमें एक पुरुष भी शामिल है। हालांकि शासन स्तर पर अभी 3 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की गई है। मृतकों में नंदराम , उर्मिला और ताराबाई कोरी शामिल हैं। बताया गया है कि तीनों की मौत डायरिया के कारण हुई। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 111 से ज्यादा लोग अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। पूरा इलाका भय और आक्रोश के माहौल में है।
मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद संज्ञान लिया। सीएम ने घटना को बेहद दुखद बताया और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही इलाजरत लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर शिवम वर्मा ने बड़ी कार्रवाई की। नगर निगम के जोन क्रमांक 4 के जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले, सहायक यंत्री योगेश जोशी, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वहीं प्रभारी उपयंत्री पीएचई शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक कर दिया गया है। इतना ही नहीं पूरे मामले की गहराई से जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। वही मृतक परिवारों को 2 – 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
अब सवाल है कि क्या इस कार्रवाई से पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा? और क्या भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा नहीं होगी? फिलहाल प्रशासन अलर्ट मोड पर है, लेकिन भागीरथपुरा के लोग अब सिर्फ आश्वासन नहीं, स्थायी और सुरक्षित समाधान चाहते हैं।



