MP: 68 घंटे बाद क्षिप्रा नदी में मिली कॉन्स्टेबल आरती पाल, पुल से 70 मीटर दूर थी कार

उज्जैन की शिप्रा नदी में गिरी कार के मामले में 3 दिन से चल रहा सर्च ऑपरेशन मंगलवार शाम को समाप्त हो गया. करीब 65 घंटे की खोज के बाद बरामद हुई कार से महिला कांस्टेबल आरती पाल का शव निकाला गया, जिसके साथ ही तीनों पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि हो गई.
पुलिसकर्मियों की क्षिप्रा नदी में कार सहित डूबने से हुई मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. मंगलवार देर शाम जैसे ही महिला आरक्षक का कार सहित शव बरामद हुआ और रेस्क्यू पूरा हुआ तो उज्जैन एसपी से लेकर 3 दिन से भूखे, प्यासे और नींद चैन त्याग रेस्क्यू में जुटे आरक्षक तक की आंखे छलक पड़ी.
इस रेस्क्यू कार्य में 130 से अधिक एसडीईआरएफ, एनडीआरएफ, होमगार्ड के जवान, क्षिप्रा तैराक दल, मछुआरे व अन्य गोताखोर शामिल थे. घटना के बाद 68 घंटे में तीनों पुलिसकर्मियों की लाश को कार सहित ढूंढ निकाला गया और सभी को ससम्मान अंतिम विदाई दी गई. मृतकों का परिवार भी टकटकी लगाए भूखा प्यासा क्षिप्रा के घाट किनारे बैठा रहा, जब तक उनके अपनों की बॉडी नहीं मिली.
गाड़ी लोकल गोताखोर मोहम्मद इरफान ने खोजी है। गोताखोर इरफान ने बताया कि चार दिन से गाड़ी की सर्चिंग चल रही थी। मैंने टीआई सर से 15 मिनट का टाइम लिया था। अपने अंदाज से जहां कार गिरी थी, वहीं से गाड़ी की सर्चिंग की। उसी जगह पर कार और कॉन्स्टेबल आरती पाल का शव मिला है।
बता दें कि उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा , सब-इंस्पेक्टर मदन लाल और कांस्टेबल आरती पाल को ले जा रही कार शनिवार रात करीब 9 बजे बिना रेलिंग वाले बड़नगर पुल से नदी में गिर गई थी.