Ujjain में महाशिवरात्रि, साल में एक बार दोपहर में हुई भस्म आरती

उज्जैन भगवान श्री महाकालेश्वर जी के सवामन पुष्प मुकुट(सेहरा) के दर्शन प्रातः से प्रारम्भ हुआ तत्पश्चात पूर्वान्ह्ः 10:30 बजे के लगभग मुकुट उतारा गया। इसके बाद अपराह्न 12 बजे भगवान महाकालेश्वर की वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती प्रारंभ हुई। भस्मार्ती में भक्तों ने ध्यान मग्न होकर भगवान भोले नाथ की आरती का दर्शन लाभ लिया।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर में परम्परा अनुसार दोपहर में भस्मारती कि गई। महाकाल में दिन कि भस्मारती वर्ष में केवल एक बार ही होती जिसे देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते है। आज भस्मारती में हजारो श्रद्धालु शामिल हुए। इससे पहले सुबह महाकाल को दुल्हे के रूप में सजाया गया और सवा क्विंटल फूलो का सेहरा बांधा गया। भस्मारती के साथ ही शिवनवरात्रि महोत्सव का समापन हो गया।
यूँ तो महाशिवरात्रि का पर्व देश भर में मनाया जाता है परन्तु बाबा महाकाल कि नगरी उज्जैन में इस पर्व कि बात ही कुछ खास है। फाल्गुन माह में राजाधिराज (महाकाल) के आँगन में विवाह अर्थात महाशिवरात्रि की धूम रहती है।