MP : निगम-मंडलों में नियुक्तियों की लिस्ट तैयार, BJP ने तय किए 8 नाम, जिन्हे मिलेगा इनाम

मध्य प्रदेश में निगम मंडलों की नियुक्ति को लेकर नेताओं की लिस्ट तैयार हो गई है,लेकिन यह नियुक्तियां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगी। आखिर कौन है वह चेहरे जिन्हें भाजपा निगम मंडलों में नियुक्त करने जा रही है।
मध्यप्रदेश में निगम मंडलों में नेताओं की नियुक्तियों का इंतजार थोड़ा और लंबा हो गया है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही निगम-मंडलों में नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा। हालांकि, जिन्हें नियुक्तियां मिलना है, उनकी लिस्ट तैयार है। जिन 8 नेताओं के नाम लगभग तय है, उनमें से तीन बीजेपी, दो कांग्रेस से बीजेपी में शामिल नेता हैं तो एक सिंधिया समर्थक और दो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले नेता हैं। जिन नेताओं के नाम तय है, उन्हें दिसंबर तक का इंतजार करना पड़ेगा। वहीं, दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी इसकी एक वजह है।
सूत्रों के मुताबिक जिन नेताओं के नाम तय है वे है हेमंत खंडेलवाल , हेमंत खंडेलवाल बैतूल से दूसरी बार के विधायक हैं। इससे पहले 2007 में वे बैतूल के सांसद भी रह चुके हैं। चुनाव मैनेजमेंट में माहिर कहे जाने वाले हेमंत खंडेलवाल पार्टी कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सूत्र कहते हैं कि प्रदेश संगठन के चुनाव में कोषाध्यक्ष के पद पर किसी और की नियुक्ति हो सकती है, इसलिए खंडेलवाल को निगम-मंडल में एडजस्ट किया जा सकता है। वही विनोद गोटिया को भी निगम मंडल में नियुक्त किया जाएगा, विनोद गोटिया पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। प्रदेश महामंत्री और उपाध्यक्ष रह चुके हैं। 2021 में शिवराज सरकार में पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था। ऐसे में उन्हें एक बार फिर मौका मिल सकता है।
वहीं, बुधनी उपचुनाव में टिकट की दावेदारी करने वाले राजेंद्र सिंह राजपूत को भी निगम-मंडल में एडजस्ट करने का भरोसा दिया गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो शैलेंद्र बरुआ और आशुतोष तिवारी को एक बार फिर राजनीतिक पद दिए जाने की संभावना है। वही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए कमलनाथ के सबसे करीबी दीपक सक्सेना और पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजुखेड़ी का भी नाम तय है।
वही सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल को भी निगम मंडल में एडजेस्ट करने की संभावना है, क्योंकि बीजेपी ने मुन्नलाल गोयल का टिकट काटा था जिसका भारी विरोध भी हुआ। वहीं, ऐसे नेता जिन्हें मजबूत दावेदारी के बावजूद विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला, उन्हें भी एडजस्ट किया जा सकता है। गुना से पूर्व सांसद केपी यादव को भी किसी निगम-मंडल की कमान सौंपी जा सकती है। भाजपा नेता डॉ. हितेश वाजपेयी, यशपाल सिंह सिसोदिया और लोकेंद्र पाराशर की भी प्रबल दावेदारी है।