Indore: ताई, भाई, मित्र और चिट्ठी से गरमाई सियासत, पूर्व लोकसभा स्पीकर ने महापौर से माँगा समय

इंदौर की सियासत में ताई की चिट्ठी ने शहर की राजनीति को गरमा दिया , पहले मेट्रो को लेकर ताई ने महापौर को पत्र लिखा, वही अब दूसरी चिट्ठी लिखकर ताई ने कई तरह की चर्चाओं को बल दे दिया है , ताई ने महापौर से मिलने का समय माँगा है , जिसके बाद अब चर्चाएं है कि क्या भाई और मित्र की नजदीकियों ने ताई को अकेला कर दिया।
लोकसभा की पूर्व स्पीकर और इंदौर की पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन के दो दिन में दो पत्रों ने इंदौर की राजनीति को गरमा दिया है। अब दूसरे पत्र में तो उन्होंने सीधे महापौर पुष्यमित्र भार्गव से ही मिलने का समय मांगा है। इसमें कहा गया है कि आपने कहा था खुद आएंगे लेकिन शायद व्यस्तता के कारण नहीं आ सके होंगे। समय देंगे तो खुद आ जाउंगी नहीं तो पत्र के जरिए विकास के विविध मुद्दों पर अपनी बात आप तक पहुंचा दूंगी।
ताई ने महापौर को सलाह दी कि भारत वन के संबंध में कृपया चर्चा करके निर्णय करें। कृपया पर्यावरण विद् और हम जैसों के साथ चर्चा करके तय करें यही निवेदन है। ताई ने पत्र में आगे नामकरण को लेकर भी आपत्ति ली है। इसमें कहा है कि, मुझे इतना ही कहना है कि श्रेष्ठ, वरिष्ठ, देश, माटी को समर्पित महान व्यक्ति को जाति, वर्ण, वर्ग में बांटने की प्रवृत्ति को यहीं विराम देना चाहिए। अनेक विषय हे पानी, स्टार्म वाटट, स्वच्छ जल आदि आप समय दें तो खुद चर्चा करने आउंगी नहीं तो पत्र के जरिए पहुंचा दूंगी।
ताई की लगातार पत्रों से आप इंदौर के सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या भाई और मित्र की नजदीकयों से ताई अकेली रह गई है , ऐसा इसलिए भी क्योकि ताई की चिट्ठी के बाद स्मार्ट सिटी कार्यालय में जनप्रतिनिधियों की बैठक में ताई को बुलाने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।