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Indore में अंडरग्राउंड मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई, याचिककर्ता ने की रोक लगाने की मांग

मेट्रो ट्रेन को बीच शहर में अंडरग्राउंड चलाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर की एक व्यस्त सड़क पर प्रस्तावित भूमिगत मेट्रो लाइन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड  और स्थानीय प्रशासन को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया। सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने यह जनहित याचिका दायर की है।

इसमें उल्लेख किया है कि मेट्रो ट्रेन को बिना किसी सर्वे के बीच शहर में अंडरग्राउंड चलाए जाने का प्रोजेक्ट मंजूर कर लिया गया है। शहर के जिस हिस्से में मेट्रो अंडरग्राउंड चलेगी, वहां का अधिकांश हिस्सा पुराने इंदौर का है। गांधी हॉल, शास्त्री ब्रिज, राजबाड़ा जैसे ऐतिहासिक महत्व के स्थान शामिल हैं।

याचिका में कहा गया अंडरग्राउंड काम किए जाने पर खुदाई की जाएगी, ब्लास्ट किए जाएंगे। बीच शहर में तमाम व्यावसायिक प्रतिष्ठान, मल्टी, मार्केट भी हैं, इनकी नीव को भारी नुकसान पहुंचेगा। अन्य शहरों में जहां मेट्रो को अंडरग्राउंड किया गया था, वहां भी इस तरह की शिकायत आई है। मेट्रो के ट्रैक पर जो बाजार और बिल्डिंग हैं, वह 50 से लेकर 100 साल से भी अधिक पुरानी हैं। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुनने के बाद मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी और अन्य को नोटिस जारी किया है।

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