MP में फिर जागा व्यापम का जिन्न, 45 ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबलों की नियुक्तियां रद्द

मध्यप्रदेश में व्यापम का जिंन्न फिर जाग गया है, वजह है व्यापम की परिवहन परीक्षा की नियुक्तियां रद्द करना। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने 45 आरक्षकों की नियुक्तियां रद्द कर दी। जिसके अब पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि व्यापम परीक्षाओं में घोटाला हुआ।
मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग में 12 साल पहले भर्ती किए गए 45 कॉन्स्टेबलों की नियुक्तियां निरस्त कर दी गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य के परिवहन सचिव सीबी चक्रवर्ती ने 19 सितंबर को इसका आदेश जारी किया, जिसे लेकर सुबे की सियासत गरमा गई। व्यापमं महाघोटाला उजागर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने एक बार फिर व्यापम को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा है। अरुण यादव ने कहा कि प्रदेश में व्यापम घोटाले की लंबी लिस्ट है, जब परिवहन की परीक्षाएं हुई जिसमे गलत नियुक्तियां की गई, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट ने उन नियुक्तियों को रद्द की गई। स्पष्ट होता है की व्यापम परीक्षाओं में घोटाला हुआ
वही अरुण यादव ने सीबीआई जाँच पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, हाई कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज के नेतृत्व में व्यापम की जाँच होनी चाहिए।
बता दे साल 2012 में ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल की भर्ती की गई थी। इस भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर पुरुष उम्मीदवारों की नियुक्तियां की गई थीं। मामले को लेकर हिमाद्री राजे ने साल 2013 में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। अदालत ने 2014 में फैसला सुनाते हुए पुरुष कॉन्स्टेबल्स की नियुक्तियों को अवैध माना था। इस फैसले को मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए इन नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया जिसके बाद राज्य सरकार ने 45 आरक्षकों की नियुक्तियां रद्द कर दी।