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MP के दिल इंदौर ने फिर रचा इतिहास, पानी बचाने में बना नंबर-1

इंदौर ने वाटर कंजर्वेशन और मैनेजमेंट में एक नया इतिहास रच दिया है। सोमवार को 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का ऐलान किया गया था इसमें इंदौर को वेस्ट जोन का नंबर वन जिला डिक्लेयर किया गया है। यानि स्वच्छता में नंबर वन इंदौर पानी बचाने में भी पुरे देश में नंबर 1 बना है। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मेनेजमेंट के चलते जल प्रबंधन में इंदौर ने ये कीर्तिमान रचा है।

भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने फिर इतिहास रच दिया है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने पानी बचाने में भी नंबर वन का तमगा अपने नाम किया है। मध्यप्रदेश के जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव की कुशल रणनीति और शहर की जनता की जागरूकता की बदौलत सोमवार को घोषित 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में इंदौर को वेस्ट जोन का नंबर वन जिला घोषित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 22 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को पुरस्कृत करेंगी।

इंदौर के वाटर कंजर्वेशन के प्रयासों को नेशनल लेवल पर सराहा गया है। इसे वाटर कंजर्वेशन के लिए 10 में से 10 अंक मिले है।   मई में एक टीम ने जब इंदौर का दौरा किया, तो उन्होंने मलेंडी, बड़िया, बुरालिया और जाम बुजुर्ग में बहती नदियों को देखा था। इंदौर ने वाटर कंजर्वेशन के लिए कई ठोस कदम उठाए। इसके अलावा इंदौर के प्रमुख झरने बामनिया कुंड, मेहंदी कुंड और पातालपानी झरनों में पानी के प्रवाह में वृद्धि हुई है। 

इंदौर नगर निगम ने 1.14 लाख घरों में और ग्रामीण क्षेत्र के 1400 सरकारी भवनों में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया है। जल संरचनाओं के कंजर्वेशन के लिए 22 अमृत सरोवरों से अतिक्रमण हटाया गया है।  इसके साथ ही 25 तालाबों का क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया। कुल मिलाकर देखा जाए तो जल संसाधन मंत्री सिलावट और मेयर भार्गव के नेतृत्व निगम और प्रशासन की टीम ने बेहतर कार्य कर शहर को ये गौरव दिलाया है। 

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