Indore: संस्था सार्थक ने मनाया गुड़ी पड़वा, शंख ध्वनि एवं स्वस्ति-वाचन के साथ सूर्य को अर्घ्य दिया

धर्म और संस्कृति के शहर इंदौर में संस्था सार्थक की ओर से पारंपरिक लोक नृत्य, वैदिक मंत्रोच्चार एवं शंख ध्वनि के साथ गुड़ी पड़वा के स्वागत की अनूठी पहल साकार हुई। भगवान सूर्यदेव को पवित्र 09 पवित्र नदियों के जल से अर्घ्य देकर नवधा भक्ति को भी सार्थक किया गया। संस्था सार्थक एवं हिंदू नववर्ष आयोजन समिति के तत्वाधान में बड़ा गणपति चौराहे पर, नववर्ष गुड़ीपड़वा के इस नव्य-भव्य आयोजन ने सनातन संस्कृति की नई झलक दिखलाई।
बड़ा गणपति चौराहे पर संस्था सार्थक एवं हिंदू नववर्ष आयोजन समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में महामंडलेश्वर डॉक्टर चेतन स्वरूप महाराज, महामंडलेश्वर श्रीराम गोपाल दास महाराज, महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, अन्ना महाराज, महामंडलेश्वर दादू महाराज, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला, जिलाध्यक्ष श्रवण सिंह चावड़ा मौजूद रहे।
उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि, सनातन संस्कृति और संस्कारों का अविस्मरणीय प्रतिबिंब बनने वाले ऐसे आयोजन प्रशंसनीय हैं। वर्ष प्रतिपदा को लेकर ऐसा सार्वजनिक उत्साह एवं उल्लास इस बात का प्रमाण है कि हम सामाजिक जागृति के ऐतिहासिक दौर में दाखिल हो चुके हैं। यह हमारे लिए गर्व और सौभाग्य का विषय भी है कि हम काल गणना के केंद्र और विश्व की प्राचीन नगरी उज्जैन के समीप हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के अथक प्रयास हैं कि, उज्जैन को वैदिक और काल गणना के सर्वमान्य केंद्र के रूप में अब पूरे विश्व में मान्यता दिलाई जाए।
कार्यक्रम के दौरान जब बटुकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार व शंख ध्वनि के साथ पवित्र नदियों के जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया, संपूर्ण क्षेत्र धर्म और परंपरा के सार्थक संस्कारों का प्रतिबिंब बन गया।
आयोजक, बीजेपी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी और पूर्व पार्षद दीपक जैन “टीनू” ने बताया कि इंदौर संस्कार और सरोकार की धरती है। यहां धार्मिक परंपराओं के साथ सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का सम्मान भी सर्वोपरि रहा है। उल्लेखनीय यह भी है कि यह मां अहिल्या का 300वां जयंती वर्ष है। इस अवसर पर सामाजिक और रचनात्मक क्षेत्र में कार्य करने वाली बहनों को अहिल्या सम्मान से सम्मानित भी किया गया।
नवरात्रि के प्रथम दिवस पर कन्या पाद पूजन, सामाजिक सेवाभावी गुणीजनों एवं युवा प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया। प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना दमयंती मिरदवाल अपने समूह के साथ सूर्य आराधना, माता अहिल्या एवं देवी के नौ स्वरूप पर प्रस्तुति भी दी। इस अवसर मातृशक्तियों द्वारा शस्त्र कला का भी प्रदर्शन किया गया।