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MP की सियासत में सिंधिया बवाल, राहुल से मुलाकात फिर विजयपुर पर बयान

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की संसद में राहुल गांधी से मुलाकात और फिर विजयपुर चुनाव में सिंधिया को न बुलाए जाने पर बयान के बाद सूबे की सियासत में बवाल मचा हुआ है। लेकिन अब पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने जो संकेत दिए है उसके बाद सवाल उठने लगे है कि क्या राहुल गांधी और सिंधिया के बीच जमी बर्फ अब पिघलने लगी है या फिर सिंधिया के मन में कुछ और ही है।

ये बयान है कांग्रेस के सीनियर लीडर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का, ये तस्वीर सांसद भवन से निकलकर आई है जिसमे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी एक दूसरे का हाथ थामे हुए है। बगल में कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे। इस तस्वीर के बाद कई तरह की अटकलों का बाजार गर्म हो गया, कहने वाले तो ये भी कह रहे है कि सिंधिया शायद घर वापसी का मन बना रहे है, जिसपर पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा का कहना है कि अटकले तो लगती रहनी चाहिए, इस बारे में खुलासा बाद में होगा। 

दरअसल, पिछले कई दिनों से ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस को लेकर खामोश नजर आ रहे है , ज्यादा सक्रीय भी नहीं है। विजयपुर उपचुनाव में भी प्रचार पर नहीं पहुंचे , जब सिंधिया से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे बोलते तो जरूर जाता। 

सिंधिया के इस बयान पर बीजेपी ने सफाई तो दी लेकिन एमपी कांग्रेस एक्टिव हो गई। कांग्रेस का कहना है कि सिंधिया को अहसास हो गया कि, सगे,  सगे होते है, सौतेला , सौतेला होता है। 

सिंधिया के बयान पर बीजेपी में खलबली मची तो बीजेपी विधायक भगवानदास सबनानी ने खंडन किया जिसपर भी सज्जन वर्मा ने सिंधिया को उनका स्तर बता दिया। 

कुल मिलाकर राहुल गांधी और खड़गे से मुलाकात के बाद विजयपुर चुनाव पर सिंधिया के बयान और एमपी कांग्रेस के संकेत से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है.  सवाल ये कि क्या एमपी बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं , सवाल ये कि क्या कांग्रेस ने सिंधिया की नाराज़गी का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। 

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