MP: अर्चना तिवारी की शातिराना मिसिंग मिस्ट्री, खुद ही निकली मास्टरमाइंड

अर्चना मिसिंग मिस्ट्री को पुलिस ने सुलझा लिया है। मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली अर्चना तिवारी ने अपनी गुमशुदगी का प्लान खुद बनाया था और वहीं इस मामले की मास्टरमाइंड थी। भोपाल रेलवे एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने यह सनसनीखेज दावा किया है। लापता अर्चना को 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी नेपाल बॉर्डर के पास से सकुशल बरामद कर लिया गया है।
भोपाल जीआरपी ने सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी को 12 दिन बाद नेपाल बॉर्डर से बरामद कर लिया है। उसे बुधवार सुबह फ्लाइट से भोपाल लाया गया। अर्चना 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच से इंदौर से कटनी के बीच लापता हो गई थी। एसपी रेल राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना को यूपी की लखीमपुर खीरी पुलिस की मदद से बरामद किया है। अर्चना ने अपने बयानों में बताया कि वे आगे पढ़ना चाहती थी, जबकि परिवार वाले उसकी मर्जी के खिलाफ एक पटवारी से रिश्ता तय कर चुके थे और उसी से शादी कराने का दबाव बना रहे थे। अर्चना कटनी में छात्र नेता भी रही है। लगातार शादी के रिश्ते आ रहे थे, लेकिन शादी नहीं करनी थी।
एसपी ने यह भी बताया कि, पुलिस जांच में सामने आया कि अर्चना के परिवार वाले उनकी शादी के लिए रिश्ते ला रहे थे, जिसमें एक पटवारी लड़के से उनका रिश्ता तय किया गया था, लेकिन अर्चना इससे खुश नहीं थी. उसे पढ़ाई छोड़कर शादी के लिए तैयार होने को कहा गया. इस दौरान इंदौर में पढ़ाई के वक्त उनकी मुलाकात सारांश नाम के लड़के से हुई. अर्चना ने सारांश और तेजिंदर नाम के ड्राइवर के साथ मिलकर 6 अगस्त को हरदा में गायब होने की योजना बनाई.
इसके अलावा, रेल एसपी ने बताया कि ग्वालियर के कांस्टेबल राम तोमर का मामले से कोई लेना देना नहीं है। राम तोमर की अर्चना से पहचान जबलपुर में प्रैक्टिस के दौरान हुई थी और वह चाहता था कि अर्चना ग्वालियर में प्रैक्टिस करे. हालांकि, अर्चना उससे परेशान थी और कांस्टेबल के द्वारा बुक किए गए टिकट के बावजूद कभी ग्वालियर नहीं गई.
कुल मिलाकर शादी के रिश्ते से तंग आकर कानून की जानकर अर्चना ने इस कदर शातिराना तरीके से अपने लापता होने की कहानी रची की पूरा प्रदेश परेशान हो गया। लेकिन पुलिस तो पुलिस है आखिरकार ढूंढ ही निकाला।