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Indore: लहसुन उत्पादक किसानों को सुप्रीम राहत, कोर्ट ने हक में दिया फैसला

मध्य प्रदेश में लहसुन उत्पादक किसानों को बड़ी राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट ने किसान की मर्जी से सरकारी या निजी नीलामी में अपना उत्पाद बेचने की मंजूरी दे दी है अब तक पिछले 8 वर्षों से किसान सिर्फ सरकारी मंडी में ही अपनी लहसुन की नीलामी कर पा रहे थे कोर्ट के फैसले से किसानों में खुशी की लहर है, शनिवार को मंडी में इस फैसले की खुशी में मिठाई भी वितरित की गई।

मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड द्वारा कोर्ट के निर्देश पर लहसुन की बिक्री के लिए आढ़त प्रथा बंद कर इसे सरकारी नीलामी में बेचने का निर्णय दिया था।  कोर्ट ने लहसुन को मसाला की श्रेणी में रखते हुए सिर्फ सरकारी नीलामी के माध्यम से ही लहसुन की बिक्री की अनुमति दी थी, इसके खिलाफ बिजलपुर के किसान कैलाश मुकाती ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, कोर्ट ने सभी तर्क सुनने के बाद लहसुन को सब्जी की श्रेणी में रखते हुए किसान  की मर्जी से सरकारी या निजी नीलामी में लहसुन की बिक्री करने का निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से किसानों में खुशी की लहर है, शनिवार को चोइथराम मंडी में किसानों ने  मंदिर में विशेष आरती की, इसके बाद  किसानों और व्यापारियों के बीच मिठाई का वितरण किया।

कोर्ट में किसानों का पक्ष रखने वाले कैलाश मुक्ति के अनुसार सरकारी नीलामी के दौरान मनमानी हो रही थी किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल रहा था कोर्ट ने किसानों के हक में फैसला कर बड़ी राहत दी है।

अपनी उपज बेचने आए किसानों ने भी इस फैसले पर खुशी जाहिर की है उन्होंने कहा कि अब हमें हमारी फसल के उचित दाम मिल सकेंगे।

फिलहाल, कोर्ट के फैसले की कॉपी मंडी बोर्ड को नहीं मिली है, जैसे ही फैसले की कॉपी मंडी बोर्ड को मिलेगी इंदौर मंडी में आढ़तियों  के माध्यम से लहसुन की बिक्री प्रारंभ हो जाएगी।

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