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MP: गांधी सागर अभ्यारण्य बना चीतों का नया घर, CM मोहन यादव ने प्रभास और पावक को किया रिलीज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मालवा क्षेत्र के मंदसौर स्थित गांधी सागर अभ्यारण्य में दो नर चीतों प्रभास और पावक को खुले बाड़े में छोड़ा। पिंजरे से निकलते ही चीतों ने खुले बाड़े में दौड़ लगा दी। अंतरराज्यीय स्तर पर चीतों के पुनर्वास के लिए देश में पहली बार ऐसा किया गया है। मालवा की भूमि पर चीतों की वापसी के लिए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।

मंदसौर जिले का गांधी सागर अभयारण्य चीतों का नया घर बन गया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने रविवार शाम को पावक और प्रभास नाम के दो चीतों को अभयारण्य के बाड़े में छोड़ा। पिंजरा खुलते ही एक एक करके दोनों ही चीतों ने बाड़े में दौड़ लगा दी।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने पिंजरे का लिवर दबाकर गेट खोला। जिसके बाद एक चीता बाहर आया और दौड़ लगा दी। वह थोड़ी दूर जाकर रुका, फिर पलटकर देखा। कुछ ही देर में सीएम ने दूसरे पिंजरे का गेट खोला। इसमें चीता फौरन बाहर नहीं आया। पीछे से पिंजरे को धकेलना पड़ा। जिसके बाद वह बाहर आया और दौड़ लगा दी। सीएम मोहन यादव ने कहा कूनो के बाद अब गांधीसागर प्रदेश का दूसरा चीता अभयारण्य बन गया है, इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई। वही उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का वातावरण चीतों के लिए अनुकूल है ये दुनिया के लिए शोध का विषय है, अब एमपी चिता स्टेट बन रहा है।

गांधी सागर अभयारण्य में वन विभाग ने चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है। यहां 8 से 10 चीतों को बसाने की व्यवस्था की गई है। चीतों के भोजन के लिए अभयारण्य में 150 से अधिक चीतल, 80 से अधिक चिंकारा, 50 से अधिक व्हाइट बोर्ड और 50 से अधिक नीलगाय मौजूद हैं। इसके अलावा यहां पहले से ही हिरणों की अच्छी-खासी संख्या है।

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