AIIMS की नौकरी छोड़ सियासत में रखे कदम, अब राजनीति के डॉक्टर बन गए हीरालाल अलावा
MP में जब भी बात आदिवासी पॉलिटिक्स की जाती है, तो सबसे पहला नाम जयस के दिग्गज नेता और मनावर विधायक डॉ. हिरालाल अलावा का लिया जाता है, डॉ. हिरालाल अलावा वैसे तो बतौर चिकित्सक अपना जीवन आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था, जहां आदिवासी हितों की लड़ाई लड़ते-लड़ते एक पढ़ा लिखा युवा सियासत में आ गया, और देखते ही देखते मैदानी संघर्ष से निकलकर विधानसभा की चौखट तक जा पहुंचा, यही आदिवासी युवा राजधानी भोपाल ही नहीं बल्कि दिल्ली तक चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां अलावा की गिनती एमपी के उन नेताओं में होने लगी है, जो जिसके साथ खड़े हो जाएं उसकी सरकार बनाने का माद्दा रखते हैं।
आदिवासी संगठन जयस भी 2023 के चुनाव की तैयारियों में जुटी है। इसके संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा पहले दिल्ली एम्स में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी करते थे। 2016 में नौकरी से इस्तीफा देकर सियासी पारी की शुरुआत की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की। इस बार 80 से अधिक विधानसभा सीटों पर उनकी तैयारी चल रही है। इन दिनों डॉ. हिरालाल अलावा की पार्टी जयस ने राजनीति में युवाओं की भागीदारी के लिए जयस महापंचायत शुरू की है, जहां महापंचायत के जरिए अलावा नए और पढ़े लिखे युवाओं को पार्टी से जोड़ रहे हैं।
कुलमिलाकर, देखा जाए तो लंबे वक्त से आदिवासी हितों की रक्षा के लिए मैदान संभालने वाले जयस सरंक्षक और विधायक डॉ. हिरालाल अलावा अब सियासत में लगातार आगे बढ़ते चले जा रहे हैं, जहां अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रहे अलावा के साथ आदिवासी अंचल के युवा भी बड़ी संख्या में नजर आ रहे हैं।