MP के सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्ती, दफ्तर में लेट लतीफी पर लगेगा ब्रेक
मध्यप्रदेश के सरकारी दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारी की लेट लतीफी को लेकर मोहन सरकार सख्त हो गई है। मोहन सरकार अब पूरे प्रदेश में आधार-आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली लागू कर रही है जिससे सरकारी अफसरों को अब समय पर ऑफिस आना होगा और समय से जाना होगा।
मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है। शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को अब दफ्तर में लेट लतीफी भारी पड़ेगी। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में आधार-आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली लागू होने वाली है। इस संबंध में राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने अधिसूचना जारी की है।
सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों-अधिकारियों के आने में लेट लतीफी, घंटों तक गायब हो जाने की मनमानी, समय से पहले ऑफिस से चले जाने जैसी शिकायतें सामने आ रही थीं। सरकारी कर्मचारियों की ऐसी मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। इसमें रियल टाइम में हाजिरी लगाना होगा, जिसके लिए अब निश्चित समय पर दफ्तर आना होगा और निश्चित समय पर ही वापस जा पाएंगे।
गौरतलब है कि, ऑफिस का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे ही रखा गया है। दरअसल, कोरोना काल के समय सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के लिए हफ्ते में 5 दिन काम का नियम लागू किया था और ऑफ़िस टाइमिंग एक घंटे बढ़ाते हुए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद कर्मचारियों के देर से आने और जल्दी जाने की शिकायतें मिल रही थी । इसी को देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑफ़िस टाइमिंग याद दिलाते हुए आदेश जारी किया है।