MP: विजयपुर में हार का कौन जिम्मेदार?, रामनिवास रावत से नजरे चुराते रहे भाजपाई
विजयपुर उप चुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी और पहली बैठक आयोजित की गई। हांलाकि बैठक मंडल अध्यक्षों के चुनाव को लेकर बुलाई गई थी जिसमें सांसद,विधायक और मंत्रियों समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में विजयपुर से हाल ही में चुनाव हारे रामनिवास रावत भी शामिल हुए जिसकी उम्मीद शायद पार्टी के अन्य नेताओं को नहीं थी।
विजयपुर में हार के बाद रामनिवास रावत जैसे ही भाजपा के प्रदेश कार्यालय में दाखिल हुए वैसे ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच कानाफूसी का दौर तेज हो गया। रामनिवास रावत को देख कर कोई उन्हे सहानुभूति भरी नजरों से देख रहा था तो कोई आश्चर्य भरी नजरों से देख कर अपनी नजरें दूसरी तरफ कर रहा था। ऐसा लग रहा था मानो किसी अलग समाज का ब्यक्ति दूसरे समाज में आ गया हो और सब एक दूसरे को देख कर कुछ न कहने की स्थिति में हों।
रावत को लेकर भाजपा कार्यालय में जितना लोगों को अचंभा हो रहा था उतना ही लोगों के जेहन में सवाल भी तैर रहे थे। ऐसा पहली बार होगा जब किसी के चेहरे को पढ़ने के लिए ज्योतिष विज्ञान की जरुरत नहीं थी हर भाजपाई के चेहरे की भाव भंगिमाएं और उसकी आंखें ही बयां कर रही थी कि वो उसके दिमांग में क्या चल रहा है। रामनिवास रावत को लेकर सवाल उस वक्त और मजबूत होने लगे जब वो भाजपा प्रदेश कार्यालय के सभा गृह में पहुंचे जहां पार्टी के सभी प्रकार के नेता बैठे थे। कुछ नेताओं की नजरें संगठन से सवाल कर रही थी कि विजयपुर की हार का जिम्मेदार कौन है ?
खैर बैठकों का दौर शुरु हुआ रावत तो चुनाव हार चुके हैं ,लेकिन मूल भाजपाइयों के जेहन में यह बात घर कर गई है कि क्या वास्तव में रामनिवास रावत चुनाव हारे य फिर उन्हे चुनाव हराया गया है।