MP Assembly Election 2023 की तैयारी, आष्टा विधानसभा में कौन पड़ेगा किस पर भारी?
(आष्टा से कमल पांचाल की रिपोर्ट)
मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर महज कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों ने कमर कस ली है। एक तरफ जहा भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए तगडी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है, और कांग्रेस से पहले मध्यप्रदेश की 39 सीटों पर अपने प्रत्याशीयों की सूची जारी कर चुकी है। सम्भावना है की 64 सीटों पर भी जल्द भाजपा प्रत्याशीयों की घोषणा करने वाली है, तो वहीं दूसरी और कांग्रेस भी अब जल्द ही अपने प्रत्याशीयों की पहली सूची जारी कर सकती है।
जानकारी अनुसार कांग्रेस की पहली सूची में मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में वह सीटे होगी जिस पर कांग्रेस लम्बे समय से पराजित होती आई है, लिहाजा ऐसी सीटों पर विधानसभा 2023 में विजय प्राप्त करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, कमलनाथ की तिकड़ी कई समय से विशेष रणनीति के तहत काम कर रही थी।
भाजपा के 39 प्रत्याशीयों की पहली सूची जारी होने के बाद कांग्रेस संभावित सितंबर के इसी पहले सप्ताह में ही अपने प्रत्याशीयों की पहली सूची जारी कर सकती है, और कयास लगाए जा रहे है की पहली सूची में सीहोर जिले की आष्टा विधानसभा सीट पर भी प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है। कांग्रेस 38 वर्षो से जीत का इंतज़ार कर रही है।
कांग्रेस से कौन आगे-कौन पीछे?
आष्टा विधानसभा की बात की जाए तो यह कांग्रेस को 1985 में जीत मिली थी, और इसके बाद से भाजपा लगातार कांग्रेस को यह पराजित करते आई है, और इस बार खास बात यह है की बीते तीन विधानसभा चुनाव और पिछले साल हुए जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस की हार का मुख्य कारण बने प्रजा तांत्रिक समाधान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल चौहान का कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। वहीं अब विश्वनीय सूत्रों से जो जानकारी प्राप्त हो रही है उसके अनुसार कमल सिंह चौहान का इस बार कांग्रेस के टिकट पर आष्टा विधानसभा से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है, और ख़बर है की कमल चौहान को ऊपर से हरी झंडी भी मिल चुकी है, जिसके चलते कमल चौहान टिकट को लेकर पक्के नजर आ रहे हैं, और ग्रामीण इलाकों में लगातार दौरे कर रहे हैं।
BJP भी जल्द घोषित करेगी प्रत्याशी
इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला होने के नाते भाजपा यह किसी भी तरह का रिक्स उठाने की हालत में भी नजर नहीं आ रही है, लिहाजा इस बार कांग्रेस के सामने भाजपा किसी बड़े चेहरे को मैदान में उतराने की रणनीति बनाती हुई नजर आ रही है. सियासी जानकारों की माने तो आष्टा में भाजपा संगठन वर्तमान विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय पर पुनः भरोसा कर चुनाव मैदान में उतार सकती है, और जिस तरह से विधायक मालवीय ग्रामीण इलाकों में सक्रिय बने हुए है उससे भी दिखाई पड़ता है। इसके बाद नाम आता है कई वर्षो से भाजपा में सक्रियता से कार्य कर पार्टी की रीती नीतियों को जनता पंहुचा रहे कैलाश बागाना को जो इस समय अपनी पूरी दमदारी से दावेदारी ठोक रहे है और आर या पार की तर्ज पर टिकट के लिए पूरी ताकत झोक रहे है।
तीसरा नाम चार बार के पूर्व विधायक रंजीत सिंह गुणवान के पौत्र सोनू गुणवान का आता है, जिनकी पत्नी आष्टा जनपद अध्यक्ष भी है सोनू के नाम पर भाजपा को यह कोई परेशानी दिखाई नहीं देती है, इलाके की जनता और राजनीती के जानकर सोनू में उनके दादा पूर्व विधायक रंजीत सिंह गुणवान की छवि देखते है। चौथा चहेरा कांग्रेस की टिकट पर बीते तीन विधानसभा चुनाव हारने की हेट्रिक लगा कर भाजपा में शामिल हुए जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल इंजिनियर है जो अपने राजनितिक सपने को पूरा करने के लिए इस बार भाजपा के टिकट से चौथी बार चुनाव लड़ना चाह रहे है। वही भाजपा इन तमाम चेहरो में से जिताऊ चेहरे को खोज रही है जो आष्टा विधानसभा 30 वर्षो से चले आ रहे विजयी रथ को इस चुनाव में जीत की और ले जा सके।