MP: मोहन सरकार ने विधायकों से मांगे प्रस्ताव, हर विधानसभा में खर्च होंगे 100 करोड़
मध्य प्रदेशकी डॉ. मोहन यादव सरकार हर विधानसभा में विकास कार्यों पर अगले चार साल में 100 करोड़ रु. खर्च करने वाली है। विधायकों को विधानसभा क्षेत्र का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए कहा गया है। विधायक जो प्राथमिकताएं और विजन तय करेंगे उसी हिसाब से सरकार ये पैसा खर्च करेगी। अब इसे लेकर सियासत तेज हो गई है।
विधानसभा क्षेत्र की समस्याएं क्या हैं? शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं या नहीं? रोजगार के अवसर कैसे पैदा होंगे? बच्चियां स्कूल जा रही हैं या नहीं? बच्चे कुपोषित हैं तो क्यों हैं? अब इन सारे सवालों के जवाब विधायक ही तलाशेंगे। दरअसल, मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार हर विधानसभा इलाके में विकास कार्यों पर अगले चार साल में 100 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है। विधायकों को विधानसभा क्षेत्र का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए कहा गया है। विधायक जो प्राथमिकताएं और विजन तय करेंगे, उसके ही हिसाब से सरकार पैसा खर्च करेगी। इसका हिसाब-किताब भी विधायक ही रखेंगे और वे ही मॉनिटरिंग भी करेंगे।
इसे लेकर राजनीति भी हो रही है। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे का कहना है कि इस बारे में सरकार ने कांग्रेस के विधायकों से कुछ पूछा ही नहीं है। हमें विजन डॉक्यूमेंट का फॉर्मेट भी नहीं मिला है। सरकार का विपक्ष के विधायकों के साथ किया जा रहा भेदभाव संविधान के खिलाफ है। इसके जवाब में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- कांग्रेस के विधायकों को विकास से कोई मतलब नहीं है। वे सिर्फ राजनीति करना जानते हैं।
दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री कार्यालय ने विधायकों को विजन डॉक्यूमेंट का फॉर्मेट भेज दिया है। मगर, किन विधायकों को भेजा गया है ये स्पष्ट नहीं। लेकिन इसे लेकर सियासी पारा जरूर बढ़ा हुआ है।