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CM ने साकार किया सपना, प्रभार संभालते ही दिलाई इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन को मंजूरी

मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इंदौर का प्रभारी मंत्री बनते ही माँ अहिल्या की नगरी का 106 साल पुराना सपना साकार कर दिया।   सीएम मोहन यादव के प्रयासों से इंदौर मनमाड रेलवे लाइन अब धरताल पर आएगी। मोदी सरकार की मंजूरी मिलने के बाद सीएम मोहन इंदौर आए और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ प्रेस वार्ता कर इंदौर मनमाड रेल परियोजना को लेकर पूरा प्लान बताया। 

इंदौर-मनमाड़ के बीच 309 किलोमीटर नई लंबी रेल लाइन डाली जाएगी। इसकी घोषणा होते ही इंदौर सहित मध्यप्रदेश में ख़ुशी का मौहोल है। दरअसल, 1918 में होलकर राज्य में आर्किटेक्ट पैट्रिक गिडीस ने सबसे पहले इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना का खाका तैयार किया था। लेकिन इस इस पर काम नहीं हो पाया। लम्बे समय से इंदौर मनमाड रेलवे लाइन की मांग उठ रही थी लेकिन मंजूरी नहीं मिल पा रही थी।  लेकिन इंदौर का प्रभार संभालते ही मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इस परियोजना को मंजूरी दिलाने में अहम् भूमिका निभाई – सीएम मोहन यादव ने कहा इस परियोजना से आदिवासी अंचल के लोगों को फायदा होगा.

यह रेल लाइन मध्यप्रदेश के 4 और महाराष्ट्र के 2 जिलों से होकर गुजरेगी। 30 लाख की आबादी आजादी के बाद पहली बार अपने क्षेत्र में ट्रेन देख सकेगी। सीएम मोहन ने कहा कि ये परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र को जोड़ने के साथ साथ चार ज्योतिर्लिंगों को जोड़ेगी। 

केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2029 की डेडलाइन तय की है। लेकिन मोहन यदव का प्रयास के है कि 2028 के सिंहस्थ तक ट्रैक पर ट्रेन रफ़्तार पकड़ ले। 

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