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MP में विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित, पांच दिन में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन था। सदन में आखिरी और पांचवें दिन कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान पक्ष-विपक्ष में जमकर हंगामा हुआ। दोनों दलों के विधायक आसंदी तक पहुंच गए। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस शीतकालीन सत्र में कई विधेयक पारित हुए।

सोमवार 16 दिसंबर से पांच दिवसीय एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। पहले दिन तीन नवनिर्वाचित विधायकों रमाकांत भार्गव, कमलेश शाह और मुकेश मल्होत्रा को शपथ दिलाई गई। इसके बाद उद्योगपति रतन टाटा, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य विजय सिंह समेत सिक्किम के पाक्योंग में सड़क दुर्घटना में शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी गई थी। इस शीतकालीन सत्र में कुल पांच बैठकें हुई। इस दौरान सदन में कई मुद्दों पर हंगामा हुआ। विधानसभा में खाद संकट, बेरोजगारी, महंगाई, किसान की समस्याओं, जल जीवन मिशन, फैक्ट्रियों से प्रदूषण, अवैध कॉलोनियों, सिंहस्थ की जमीन, गोवंश सरंक्षण समेत कई मामले उठाए गए।

इन मुद्दों पर सत्ता चपक्ष और विपक्ष में जमकर नोंकझोक भी हुई।एमपी विधानसभा शीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर भी जमकर हंगामा हुआ। दोनों ही दलों के विधायक आसंदी तक जा पहुंचे। ‘अमित शाह माफी मांगों’ के नारे लगाते हुए सदन से बाहर निकल गए। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्रवाई को कुछ देर के लिए स्थगित भी करना पड़ा। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भोजनावकाश के बाद कांग्रेस विधायकों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लेकर सदन के बाहर नारेबाजी की। विधायकों ने इस दौरान बाबा साहब अमर रहे के नारे लगाए। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार ने देश के सदन में बाबा साहेब का अपमान किया है। उन्होंने कहा बाबा साहेब हमारे भगवान हैं। बीजेपी और मोदी-शाह संविधान विरोधी है। पाँचवे दिन भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला और सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाए।

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