MP: दत्तोपन्त ठेंगड़ी शोध संस्थान के नवीन भवन का भूमिपूजन, राष्ट्रीय शोधार्थी समागम पोस्टर का किया विमोचन

प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में दत्तोपन्त ठेंगड़ी शोध संस्थान के नवीन भवन के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, आज के दौर में वैश्विक परिदृष्य की शोध का कार्य समसामयिक है जिसे बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है। विश्व में आशा का कोई केन्द्र बचा है तो वो भारत है, जब सभी प्रश्नों के उत्तर हमें देना है, ऐसे में हमें भारतीय प्राचीन ज्ञान परंपरा की तरफ जाना होगा।
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर भोपाल में “दत्तोपन्त ठेंगड़ी शोध संस्थान” के नवीन भवन के भूमिपूजन एवं कार्यारम्भ कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने सहभागिता की। इस अवसर पर पौधरोपण कर राष्ट्रीय शोधार्थी समागम पोस्टर का विमोचन कर शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी भाईसाहब, दत्तोपन्त ठेंगड़ी शोध संस्थान के अध्यक्ष अशोक पांडे, कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, जीवन के विविध पक्षों को लेकर अलग-अलग प्रकार की रिसर्च को प्रोत्साहन देने के लिए जिस प्रकार शोध संस्थान का काम बढ़ा तब वैश्विक परिदृश्य में इस संस्थान की ओर ज्यादा आवश्यकता है। भारतीय विचार और चिंतन मनन को जोड़ते हुए ये संस्थान रिसर्च करेगा। जीवन के सभी पक्षों को लेकर रिसर्च करेगा। उन्होंने शोध संस्थान के माध्यम से वनवासी आदिवासी संस्कृति में रिसर्च की आवश्यकता है। रिसर्च तो जीवन भर चलना चाहिए। कागजी ज्ञान के बजाय रिसर्च का समीचीन रुप से महत्व है। जिससे मानव जाति और संस्कृति का भला हो सके। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दत्तोपंत ठेंगड़ी के जीवन परिचय को सामने रखते हुए कहा कि, ठेंगड़ी जी ऋषि समान चिंतक थे।
कुलमिलाकर, देखा जाए तो प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में दत्तोपन्त ठेंगड़ी शोध संस्थान के नवीन भवन के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने अपनी बात रखी है।