AIIMS भोपाल में पहला किडनी ट्रांसप्लांट, सफलतापूर्वक संपन्न

एम्स भोपाल में पहली किडनी प्रत्यारोपण प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न की गई। ऑपरेशन के बाद मरीज की सावधानीपूर्वक देखभाल की जा रही है। मरीज को दस दिन तक एंटी-रिजेक्शन दवा दी गई, जिससे शरीर किडनी को अस्वीकार न करे। मरीज की बेहतर रिकवरी को देखते हुए उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई है।
22 जनवरी को की गई ऐतिहासिक सर्जरी स्वास्थ्य सेवा के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। इस जीवन रक्षक प्रक्रिया से रीवा के 32 वर्षीय पुरुष की ज़िंदगी अब पूरी तरह से बदल गयी है, वो पिछले तीन वर्षों से गुर्दे की बीमारी से जूझ रहा था। डॉ. महेंद्र अटलानी के कुशल मार्गदर्शन में डॉ. डी कौशल, डॉ. एम कुमार, डॉ. के मेहरा, डॉ. एस तेजपाल, डॉ. एस जैन और डॉ. सौरभ की टीम ने इस जटिल सर्जरी को निर्बाध रूप से संपन्न किया। ऑपरेशन के बाद मरीज की सावधानीपूर्वक देखभाल की गयी। मरीज को दस दिन तक एंटी-रिजेक्शन दवा भी दी गयी जिससे शरीर किडनी को अस्वीकार न करे। मरीज की बेहतर रिकवरी को देखते हुए उसे अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के अंतर्गत रोगी को व्यापक चिकित्सा देखभाल प्राप्त हुई, जिससे मरीज पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ा। यह संपूर्ण प्रत्यारोपण प्रक्रिया नि:शुल्क प्रदान की गई, जो सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल के प्रति एम्स भोपाल की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।