Shivraj कैबिनेट में बढ़ा विंध्य का वर्चस्व, राजेंद्र शुक्ल को मिली मंत्री पद की जिम्मेदारी
MP में शनिवार यानि 26 अगस्त को शिवराज सिंह चौहान सरकार के कैबिनेट का विस्तार हुआ। इनमें विंध्य के कद्दावर नेता राजेंद्र शुक्ल को एक फिर से मंत्री पद से नवाजा गया, जोकि काफी समय से बड़ी जिम्मेदारी मिलने की आस लगाए बैठे थे, जोकि अब जाकर पूरी हो गई है, उनको मंत्री बनाने के पीछे ब्राह्मण और विंध्य के समीकरण को साधा गया है।
मध्यप्रदेश की सियासत में अबकी बार विंध्य इलाका काफी महत्वपूर्ण हो चुका है, क्योंकि यहीं के जरिए भाजपा को 2018 के चुनाव में संतोष करना पड़ा था, और शानदार सफलता के बाद भी उनकी सरकार नहीं बनी थी, इसी प्रदर्शन को फिर से दोहराने के लिए शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में राजेंद्र शुक्ल को एक बार फिर मंत्री पद से नवाजा गया, तो जानिये कैसा रहा, राजेंद्र शुक्ल का सियासी सफर।
विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं राजेंद्र शुक्ल
राजेंद्र शुक्ल ने चौथी बार रीवा सीट पर पाई फतह
पहली बार 2013 में उमा भारती सरकार बनाए गए थे राज्यमंत्री
2008 में शिवराज सरकार में बनाए गए थे ऊर्जा एवं खनिज साधन मंत्री
2013 में उद्योग नीति एवं निवेश संवर्धन मंत्री का संभाला था कार्यभार
साथ ही एमपी राज्य का औद्योगिक विकास निगम का बनाया था अध्यक्ष
मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री भी रह चुके हैं राजेंद्र शुक्ल
चौथी बार 2018 के विधानसभा चुनाव में वह विधायक बने शुक्ल
रीवा जिले की आठों विधानसभा सीटों पर जीती थी भाजपा
उपचुनाव के बाद बनी सरकार में नहीं बनाए गए थे राजेंद्र शुक्ल
एक बार फिर चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री बनाए गए शुक्ल
इस तरह से राजेंद्र शुक्ल को चौथी बार मंत्री बनाकर भाजपा सरकार ने एक पुराने राजनीतिक सफर वाले नेता को तवज्जों दी है, जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में दिखाई देने की संभावना जताई जा रही है।