Lok Sabha Election के 3 चरण संपन्न, मतदान प्रतिशत पर सियासत
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मध्यप्रदेश की 9 सीटों पर दूसरे चरण के मुकाबले औसतन बेहतर वोटिंग मानी जा सकती है। पहले चरण में 68.05 और दूसरे में 58.66 प्रतिशत वोट डाले गए थे। तीसरे चरण में 66 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। यह 2019 के औसत 66.88 फीसदी मतदान के लगभग बराबर पहुंच गया है।
पहले चरण की 6 सीटों पर 2019 के मुकाबले 8 फीसदी और दूसरे चरण की 6 सीटों पर 9 फीसदी वोटिंग कम हुई थी। इन 9 संसदीय क्षेत्रों में आने वाली 72 विधानसभा सीटों में 5 महीने पहले हुए चुनाव से 9 फीसदी कम वोटिंग हुई है। इनमें 49 सीटों पर भाजपा के और 23 सीटों पर कांग्रेस विधायक हैं। पूर्व सीएम शिवराज की सीट विदिशा, दिग्विजय सिंह की राजगढ़ और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना सीट के साथ बैतूल में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। जानकार यह भी कह रहे हैं कि भाजपा का प्रदर्शन पहले और दूसरे चरण के मुकाबले तीसरे चरण वाली सीटों पर ज्यादा बेहतर हो सकता है। कांग्रेस वोटिंग प्रतिशत को बीजेपी के खिलाफ बता रही है, तो बीजेपी अपने समर्थन में।
यह भी बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी नौ सीटें जीती थीं। वोटिंग खत्म होने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे कम वोटिंग भिंड में 54.87 फीसदी हुई, जो पिछले चुनाव की तुलना में 0.45 फीसदी कम है। विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो भिंड में 12 फीसदी कम वोटिंग हुई है। हालांकि तीसरे चरण के चुनाव के दौरान हुई वोटिंग को दोनों ही राजनीतिक दलों का अलग अलग नजरिया है।